Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रदेश में पशुपालकों के लिए चलाई गई कामधेनु पशु बीमा योजना (Kamdhenu Pashu Bima Yojana) को बंद करने के बाद भाजपा सरकार की लाई गई मंगला पशु बीमा योजना (Mangla Pashu Bima Yojana) पर सवाल खड़े किए हैं. गहलोत ने एक्स पर लिखी पोस्ट में कहा है कि राजस्थान में मंगला योजना अव्यवहारिक साबित हो रही है और पशुपालक इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं.
'आचार संहिता की वजह से लगी रोक'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारी सरकार के समय शुरू की गई कामधेनु पशु बीमा योजना में प्रत्येक पशु पालक के दो पशुओं का बीमा 40,000 रुपये प्रति पशु के हिसाब से नि:शुल्क किया जाता था. इस योजना के तहत 20 लाख पशुओं के बीमा का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इसकी लोकप्रियता के कारण 80 लाख पशुओं का पंजीकरण हो गया. सरकार ने सभी पंजीकृत पशुओं को कवर करने का फैसला किया था और सर्वेक्षण शुरू कर दिया था, लेकिन चुनावी आचार संहिता के चलते योजना पर रोक लग गई. लेकिन नई सरकार ने इस योजना को बंद कर मंगला पशु बीमा योजना शुरू की है.'
'लॉटरी से चयन की प्रक्रिया अव्यवहारिक'
इसमें पशुपालकों की भागीदारी कम देखी जा रही है. लॉटरी के जरिए चयन की प्रक्रिया को अव्यवहारिक बताया जा रहा है, जिससे जरूरतमंद पशुपालकों को सही लाभ नहीं मिल पा रहा. पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा सरकार से मंगला योजना को अधिक सरल और व्यावहारिक बनाने की मांग की, ताकि अधिक पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि सरकार को कामधेनु योजना को बहाल करने पर भी विचार करना चाहिए, जिससे पशुपालकों को वास्तविक फायदा मिले.
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