Rajasthan Politics: अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे से राजस्थान में बढ़ी सियासी सरगर्मियां, जानें क्या है पूरा मामला?

Congress Bharat Jodo Nyay Yatra: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं. इसके चलते प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं.

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अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

Ashok Gehlot Delhi Visit: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ ही देर में दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. उनके इस दौरे से प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. राजस्थान में अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं किया गया है, इस कारण गहलोत के दिल्ली दौरे को अहम माना जा रहा है. राजस्थान की सियासी गलियारों में भी इसे लेकर चर्चा हो रही है. हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरह से इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं अशोक गहलोत ने भी अपने दौरे को कांग्रेस की न्याय यात्रा से जुड़ा बताया है.

कल से शुरू होगी यात्रा

पूर्व सीएम गहलोत ने एक बयान में कहा कि वे आज दिल्ली दौरे पर रवाना हो रहे हैं और वहां से फिर वे कांग्रेस हाईकमान के साथ 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल होंगे. आपको बता दें कि कांग्रेस 14 जनवरी को इंफाल से 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू कर रही है. यह यात्रा 15 राज्यों से होते हुए कुल 6,700 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी. शुक्रवार को राहुल गांधी ने इस यात्रा से जुड़ा एक गीत का वीडियो साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट में कहा, 'हम पहुंचेंगे हर घर तक, न्याय का हक, मिलने तक! गली, मोहल्ला, संसद तक, न्याय का हक, मिलने तक! सहो मत...डरो मत!'' इस गीत के वीडियो में प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों, राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा की झलकियों और किसानों और मजदूरों के साथ कांग्रेस नेता की बातचीत के दृश्य भी हैं.'

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किसे चुनेगी कांग्रेस?

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल दिल्ली की केंद्रीय समितियां में शामिल हैं जो कि लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. ऐसे में यह साफ है कि अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नहीं होंगे. वहीं सचिन पायलट के करीबियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट भी नेता प्रतिपक्ष के पद पर नहीं आना चाहते. फिलहाल सचिन पायलट को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में समय नहीं दे पाएंगे. 

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डोटासरा ने नाम आगे

नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सबसे आगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम सामने आता है. डोटासरा चार बार के विधायक हैं और लंबे समय से पीसीसी चीफ के पद पर कार्य कर रहे हैं. डोटासरा की गिनती बड़े नेताओं में होती है. वहीं वे जाट समुदाय से आते हैं. इसी के चलते डोटासरा इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में दूसरा बड़ा नाम महेंद्रजीत सिंह मालवीय का आ रहा है. महेंद्रजीत सिंह मालवीय बागी डोरा विधानसभा से विधायक हैं. पूर्व में सांसद व मंत्री भी रहे हैं और एससी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. महेंद्रजीत सिंह मालवीय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस एससी कार्ड खेल सकती है. साथ ही जिस इलाके से भी आते हैं वह आदिवासी बाहुल्य इलाका है और इससे कांग्रेस सियासी संदेश दे सकती है.

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हरीश चौधरी भी कतार में

इस दौड़ में हरीश चौधरी का भी नाम तेजी से चल रहा है. हरीश चौधरी बाड़मेर से सांसद भी रहे हैं और फिलहाल बायतू विधानसभा से विधायक हैं. कांग्रेस का जाट चेहरा है. पश्चिमी राजस्थान की राजनीति को साधने के लिए हरीश चौधरी पर दाव खेला जा सकता है. लेकिन यदि किसी जाट नेता को प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो प्रदेश अध्यक्ष पद पर जाट चेहरा नहीं होगा. लोकसभा चुनाव नजदीक हैं. कांग्रेस फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव करने की स्थिति में नहीं है. इससे साफ है कि नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में हरीश चौधरी की संभावनाएं कम नजर आ रही है.