अशोक गहलोत ने क्यों कहा- राजस्थान के FIR नियम को देश में लागू करें, हमें हुआ था राजनीतिक नुकसान

अशोक गहलोत ने पुलिस थानों में परिवादी की प्राथमिकी (FIR) अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाने के राजस्थान मॉडल को देशभर में लागू किए जाने की मांग शुक्रवार को फिर दोहराई.

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Rajasthan News: कोलाकाता और मुंबई में हुई घटना के मामले में खबर सामने आई थी कि यहां पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी हुई थी. कोलकाता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से भी FIR में देरी होने को लेकर सवाल किया था. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस थानों में परिवादी की प्राथमिकी (FIR) अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाने के राजस्थान मॉडल को देशभर में लागू किए जाने की मांग शुक्रवार को फिर दोहराई. इसके साथ ही, गहलोत ने राजस्थान की नई भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार से भी मांग की है कि वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय लागू की गई प्राथमिकी के अनिवार्य पंजीकरण की नीति को जारी रखे.

कोलकाता और मुंबई में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में देरी किए जाने से जुड़ी खबरों को साझा करते हुए गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पुलिस की लापरवाही के ऐसे उदाहरणों को देखकर ही राजस्थान में हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य किया था और व्यवस्था की थी कि यदि थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्राथमिकी दर्ज होगी और थानाधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.''

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FIR बढ़ने से गलत प्रचार से राजनीतिक नुकसान हुआ

गहलोत के अनुसार, ‘‘इसका परिणाम यह हुआ कि थाने में पीड़ितों की सुनवाई होना सुनिश्चित हो गया और अपराधों की शिकायत दर्ज होना शुरू हुई. मीडिया और विपक्षी दलों ने दर्ज प्राथमिकी के आंकड़े बढ़ने को हमारी सरकार के खिलाफ प्रचारित किया जिसका हमें राजनीतिक नुकसान हुआ परंतु मुझे आज भी संतोष है कि इस नीति से तमाम पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हुआ.''

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केंद्र को लिखा था पत्र

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने केंद्र सरकार के सामने पत्र लिखकर, बैठकों में मांग रखी कि पूरे देश में प्राथमिकी के अनिवार्य पंजीकरण की नीति लागू की जाए जिससे पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो सके.''

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उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने हमारी इस मांग को नहीं माना और आज भी ऐसी स्थिति अलग-अलग राज्यों से सुनने में आती रहती है.''

गहलोत ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता लागू करते समय भारत सरकार ने दावा किया था कि अब प्राथमिकी में देरी नहीं होगी लेकिन सच ऐसी घटनाओं के रूप में सबके सामने है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं पुन: प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय से अपील करना चाहूंगा कि प्राथमिकी के अनिवार्य पंजीकरण के राजस्थान मॉडल को देशभर में लागू किया जाए. राजस्थान की भाजपा सरकार भी यह सुनिश्चित करे कि हमारी सरकार के समय लागू की गई इस नीति यहां जारी रखे.''

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