'अशोक गहलोत को PTSD नामक रोग होने की संभावना', लोकेश शर्मा बोले- 'वो 5 साल डर में जिए, इसीलिए दिया षडयंत्र वाला बयान'

खुद को अशोक गहलोत का शुभचिंतक बताते हुए लोकेश शर्मा ने आगे लिखा, 'मैंने थोड़ी रिसर्च की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने 5 साल कुर्सी छिन जाने के डर में निकाले हों उसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) नामक रोग की संभावना काफी ज्यादा हो सकती है.'

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लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया है.

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 25 जून की दोपहर जोधपुर (Jodhpur) में कहा था कि सीएम भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के खिलाफ उन्हीं की पार्टी के लोग षडयंत्र रच रहे हैं. दिल्ली से लेकर राजस्थान तक उन्हें हटाने की प्लानिंग चल रही है. उन्हें बार-बार इस बारे में बताकर अगाह किया जा रहा है, लेकिन वो सीरियसली नहीं ले रहे हैं. गहलोत के इस दावे का भाजपा के शीर्ष नेताओं ने तुरंत खंडन किया था और गहलोत को नसीहत दी थी कि पहले वो अपना घर संभालें. भाजपा पर उंगली उठाने का अधिकार उन्हें नहीं है. 

'गहलोत ने 5 साल डर में बिताए'

गहलोत का यह बयान तेजी से राजस्थान के सियासी गलियारों में वायरल हुआ, जिस पर पलटवार करने के लिए उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) भी मैदान में उतर गए. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'अशोक गहलोत ने जिस दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी दिन से मुझे हटा न दें, मुख्यमंत्री बदल न दें के डर में 5 साल बिताए. अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए उन्होंने तमाम षड्यंत्र, तिकड़में, अपने ही नेताओं की जासूसी, आलाकमान से गद्दारी और विश्वासघात तक किया. अब सरकार बदल गई है. लेकिन उनका भ्रम बना हुआ है. उन्हें लगता रहता है कि मुख्यमंत्री को हटा न दें, बदल न दें.'

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'गहलोत को स्ट्रेस डिसऑर्डर होने की संभावना'

खुद को अशोक गहलोत का शुभचिंतक बताते हुए लोकेश शर्मा ने आगे लिखा, 'मैंने थोड़ी रिसर्च की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने 5 साल कुर्सी छिन जाने के डर में निकाले हों उसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) नामक रोग की संभावना काफी ज्यादा हो सकती है. क्यूंकि इसमें व्यक्ति ये सोचता है कि जैसा मेरे साथ हो सकता है वैसा ही दूसरों के साथ भी हो सकता है. शायद इसीलिए बिना किसी सिर-पैर के ऐसे बयान दे रहे हैं. जिन्हें हमारी पार्टी में दिल्ली में क्या चल रहा है, उसकी जानकारी नहीं है, वो दूसरी पार्टी में दिल्ली में क्या षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, इसका बखान कर रहे हैं और वर्तमान मुख्यमंत्री को भी अपने ही नेताओं के खिलाफ भड़काने का प्रयास कर रहे हैं.'

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'पहली बार के MLA का CM बनना पचा नहीं'

लोकेश शर्मा ने आगे लिखा, 'भजनलाल शर्मा सीएम बने रहें, उसके लिए वे बेहद चिंता जता रहे हैं. ऐसे में तो गहलोत को कुर्सी पर जमे रहने और किसी को विकल्प न बनने देने, जो बन सके उसे ठिकाने लगाने, के अपने गुर और तरकीबें भी खुलकर बता देनी चाहिए, ताकि एक बार बन गए तो जमे किस तरह रहना है, वो सीख सकें. हालांकि उनकी नजर में नौजवान और पहली बार के MLA का मुख्यमंत्री बनना वाकई बड़ी बात है, क्यूंकि वे इसे पचा ही नहीं सकते. उन्हें यह सूट ही नहीं कर सकता कि नई लीडरशिप तैयार हो या किसी को अवसर मिल पाए.'

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