Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बिहार चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है. गहलोत ने कहा कि भाजपा अपना सीएम फेस (CM Face BJP) क्यों नहीं घोषित कर रही है? उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ धोखा कर सकती है, जैसा उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ किया.
उन्होंने कहा कि बिहार में हालात खराब है. इसलिए महागठबंधन (Mahagathbandhan Bihar) का जीतना आवश्यक है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की 16 दिन की यात्रा अच्छी रही. पूरे बिहार में इसका अच्छा इंपैक्ट रहा. 20 साल से नीतीश कुमार वहां पर मुख्यमंत्री हैं. अब ऐसी खबरें आती है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हम चाहेंगे कि उनका स्वास्थ्य ठीक बना रहे. अब वहां पर जो माहौल बनाया है, किसने बनाया ये तो हमें नहीं पता. अब हम भाजपा से पूछते हैं क्या आप नीतीश कुमार का चेहरा घोषित करेंगे क्या? अब उन्हें स्पष्ट करना चाहिए.
'नीतीश के नाम का ऐलान करने में क्या परेशानी है?'
गहलोत ने आगे कहा, 'हमारे गठबंधन में हमने आपसी सहमति से तेजस्वी यादव जी का नाम तय किया है. अब हमारा सवाल भाजपा से है वे क्यों नहीं अपना सीएम फेस तय कर रहे हैं? भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे तो फिर मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम घोषणा करने में क्या परेशानी है?' गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा नीतीश कुमार को महाराष्ट्र की तरह धोखा देंगे. जैसे उन्होंने वहां एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में सीएम देवेंद्र फडणवीस को बना दिया. उनके पास संसाधन बहुत है. साम, दाम, दंड, भेद सबका इस्तेमाल करके ये लोग चुनाव लड़ रहे हैं.
'राहुल गांधी की यात्रा के बाद माहौल अच्छा बना है'
गहलोत ने कहा कि बिहार में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. विकास ठप हो चुका है. गवर्नेंस नहीं बचा है. भाजपा खाली नीतीश का चेहरा सामने रख कर चुनाव जीतना चाहती है. अमित शाह ने खुद कहा कि हम सीएम का नाम बाद में तय करेंगे, तो ये नौबत क्यों आ रही है. ये तमाम सवाल पैदा हो रहे हैं. अभी वहां छठ पूजा का माहौल है. बिहार में माहौल कांग्रेस के पक्ष में है. राहुल गांधी की यात्रा के बाद माहौल अच्छा बना है. जनता का मानस बन गया है.
'कोई दबाव या लॉबिंग नहीं होनी चाहिए'
वहीं, उन्होंने संगठन सृजन अभियान की मीटिंग को लेकर बोला कि मैंने पहले भी इसे लेकर पोस्ट किया था. हाईकमान ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए ये नया फॉर्मूला अपनाया है. इसमें कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की राय लेकर जिलाध्यक्ष बनाए. इसे लेकर हम सभी बड़े नेताओं की जिम्मेदारी है कि इस प्रयोग को सफल होने दे. अभी पंचायती नहीं करें. पर्यवेक्षकों या किसी पर भी किसी तरह का दबाव ना बनाएं. मेरे पास भी कल दिल्ली में काफी लोग आ गए. कई दावेदार आए. मैंने सबको समझाया कि खरगे और राहुल गांधी ने जो पर्यवेक्षक बनाए हैं, वो प्रक्रिया के हिसाब से काम कर रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि जो प्रोसेस है वो पूरी प्रक्रिया होना चाहिए. शुरू से ही मैंने इस अभियान में सहयोग करने के लिए आह्वान किया है. कोई दबाव या लॉबिंग नहीं होनी चाहिए. अगर हम जैसे पुराने नेताओं की ड्यूटी है कि हम हाईकमान की इच्छा के अनुसार सहयोग करें. साथ ही मैंने सबसे कहा कि प्रोसेस होने के बाद जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह हमारा कांग्रेस का ही है. उसका तुरंत स्वागत किया जाना चाहिए. वो हमारा ही है. हमें इस कोशिश में लग जाना चाहिए कि उसे कामयाब कैसे कर सकें.
ये भी पढ़ें:- फेमस ऐडमेकर पीयूष पांडे का निधन, राजस्थान से रहा गहरा कनेक्शन; बनाए फेविकोल, कैडबरी, एशियन पेंट्स जैसे याद