राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित होगा मानगढ़ धाम, डीपीआर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाने के लिए एक करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. सीएम गहलोत ने पिछले महीने विश्व आदिवासी दिवस पर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित कराने और 100 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाने की घोषणा की थी

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स्मारक पर पीएम मोदी (फाइल फोटो)

जयपुर:

राजस्थान सरकार ने समाज सुधारक गोविंद गुरु की साधना स्थली मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाने के लिए एक करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

मानगढ़ धाम को राजस्थान का जलियांवाला बाग कहा जाता है. यहां 1500 भील आदिवासियों ने अंग्रेजों से लड़ते हुए शहादत दी थी. 17 नवंबर 1913 को हजारों भील आदिवासी मानगढ़ धाम में गोविंद गुरु के जन्मदिन मनाने के लिए एकत्र हुए थे और अंग्रेजों ने बिना किसी कारण के हमला कर दिया.

गौरतलब है सीएम गहलोत ने पिछले महीने विश्व आदिवासी दिवस पर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित कराने और 100 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाने की घोषणा की थी. गोविंद गुरु एक महान संत और समाज सुधारक थे. उन्होंने भील आदिवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया.

राजस्थान-गुजरात सीमा पर बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां 1913 में अंग्रेजों की गोलीबारी में सैकड़ों आदिवासियों ने जान गंवाई थी. पिछले माह नौ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने यहां बड़ी रैली की थी.

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