Ashok Gehlot: राजस्थान में इस बार विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सीएम गहलोत को अमेठी सीट का चुनाव प्रभारी बनाया है. ऐसे में गहलोत के साथ कांग्रेस के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. खास बात है कि उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस की गढ़ मानी जाती रही है.
2019 में राहुल गांधी को मिली थी हार
हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से कांग्रेस के राहुल गांधी को हराया था. 2024 के चुनाव में एक बार फिर इस सीट को लेकर सियासत गरमा गई. उम्मीद की जा रही थी कि राहुल गांधी इस बार फिर अमेठी से सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राहुल गांधी ने इस बार रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया.
अमेठी से के एल शर्मा को टिकट
वहीं, अमेठी से कांग्रेस पार्टी ने के.एल. शर्मा को स्मृति ईरानी के सामने टिकट दिया. अमेठी के चुनाव प्रभारी बनाए गए अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के इस सीट से चुनाव न लड़ने पर बयान दिया है. उन्होंने बताया कि आखिरकार इस बार राहुल गांधी ने अमेठी सीट क्यों छोड़ी? राजस्थान के पूर्व सीएम ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला खास प्लान के तहत लिया है.
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
अशोक गहलोत ने कहा कि के.एल. शर्मा 40 साल से पार्टी के कार्यकर्ता हैं. पार्टी का ये निर्णय है कि राहुल गांधी वहां (अमेठी) क्यों जाएं, जिसकी जरूरत ही नहीं है. राहुल गांधी रायबरेली के अंदर आंधी की तरह जीतेंगे. यहां के.एल. शर्मा ही इनसे (भाजपा) निपट लेंगे. इससे अच्छा क्या हो सकता है कि जो व्यक्ति रात-दिन गांधी परिवार के निर्देशन में काम कर चुका हो वो उम्मीदवार बन जाए.
जब गहलोत पूछा गया कि, एक सीट को जीतने के लिए एक पूर्व मुख्यमंत्री को प्रभारी बनाया गया? इस पर गहलोत दो शब्द बोलकर खामोश हो जाते हैं, वो हैं 'पार्टी का आदेश', फिर कहते हैं, ' मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हुं, मेरे 50 साल के सियासी जीवन में मैंने वही किया जो पार्टी ने मुझे करने को कहा.'