Rajasthan News: राजस्थान में लोकसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने के बाद अब 4 जून को रिजल्ट जारी होने का इंतजार किया जा रहा है. अब मात्र 10 दिन का समय शेष बचा है. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी नेता वापस एक्टिव हो गए हैं, जिससे प्रदेश में फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. शुक्रवार रात पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपनी एक पोस्ट के जरिए इसकी शुरुआत करते हुए कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओं का मुद्दा उठाया और बीजेपी के पतन की बात कह डाली. जिस पर राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Singh Rathore) ने पलटवार किया और कांग्रेस को 'डूबता हुआ जहाज' करार दे दिया.
'BJP पर ऐसे नेता लाइबिलिटी बन गए'
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम करीब 7:37 बजे एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, 'बीजेपी की इन चुनावों में बुरी हालत होने का एक कारण कांग्रेस के "नॉन परफॉर्मिंग असेट" कैटिगिरी के सैकड़ों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना रहा. कांग्रेस से ऐसे नेताओं के बाहर जाने से कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिला और BJP पर ऐसे नेता लाइबिलिटी बने, जिससे उनका खुद का कार्यकर्ता निराश हो गया. अंहकार की अति BJP के पतन का कारण बन रही है.'
'कल तक यही नेता पार्टी के परफॉर्मिंग असेट'
गहलोत की इस पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने लिखा, 'गहलोत साहब, कांग्रेस एक डूबता जहाज है जिसमें कोई भी राजनीतिक नेता सवार होकर अपने भविष्य को दांव पर नहीं लगाना चाहता. आप जिन नेताओं को "नॉन परफॉर्मिंग असेट" बता रहे हैं, कल तक वो आपकी ही पार्टी के लिए परफॉर्मिंग असेट हुआ करते थे. जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमरिंदर सिंह, गौरव वल्ल्भ, आचार्य प्रमोद कृष्णम एवं अशोक चव्हाण जैसे दर्जनों वरिष्ठ नेताओं को आपकी पार्टी ने दरकिनार किया.
'राहुल गांधी इंडी गठबंधन के लिए लाइबिलिटी'
इन नेताओं की वर्षों की तपस्या और मेहनत पर परिवारवाद हावी रहा. इन्हें भाजपा में वो सम्मान मिला, जिसके वे हकदार थे. 4 जून का इंतजार कीजिये, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद सबसे बड़े "नॉन परफॉर्मिंग असेट" और लाइबिलिटी का तमगा आपकी पार्टी कांग्रेस और युवराज राहुल गांधी को ही मिलेगा. वैसे भी लंबे समय से राहुल गांधी कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन के लिए लाइबिलिटी बने हुए हैं.
100 से अधिक नेताओं ने ज्वाइन की बीजेपी
राजस्थान में कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की बात करें तो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 100 से अधिक बड़े-छोटे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इनमें लंबे समय तक कांग्रेस में काम करने वाले पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के साथ ज्योति मिर्धा, लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव आलोक बेनिवाल, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, सुरेश चौधरी पंडित सुरेश मिश्रा ज्योति खंडेलवाल जैसे नेता बीजेपी में शामिल हो गए.
भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे गांधी परिवार के करीबी
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं. देश में भी कमोबेश यही हाल है. कांग्रेस के वो नेता जो कभी गांधी परिवार के बेहद करीबी हुआ करते थे वो भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में अब उन्हें नॉन परफॉर्मिंग नेता कह कर अशोक गहलोत ने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की है. गहलोत के इस बयान पर आने वाले दिनों में और भी कई सियासी जवाब देखने को मिल सकते हैं.
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