Rajasthan Politics: अपने ही बयान में फंसे अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता करने लगे विरोध, बोले- 'इंदिरा गांधी ने भी...'

अशोक गहलोत के ताजा बयान में जिस तरह से उन्होंने पार्टी के भीतर कुछ लोगों पर सवाल खड़े किए हैं, हो सकता है उनका इशारा सचिन पायलट की तरफ हो. इसकी वजह ये भी हो सकती है कि सचिन पायलट को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनसे अधिक महत्व दे रहें हैं. इस वजह से भी अशोक गहलोत गुस्से और कुंठा में हैं.

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत.

Rajasthan News: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को नाकारा, निकम्मा और गद्दार कहने के साथ पार्टी में भी कुछ लोगों पर पीठ में छुरा घोंपने वाले अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बयान पर अब कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं. भाजपा (BJP) के नेताओं के बयान के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव और सुशील आसोपा (Sushil Asopa) का बयान सामने आया है.

'इंदिरा गांधी ने भी कभी ऐसे शब्द नहीं बोले'

सुशील आसोपा का मानना है कि अशोक गहलोत पार्टी के बड़े नेता हैं, लेकिन उनका बयान कांग्रेस की संस्कृति और विचारधारा के अनुकूल नहीं है. उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए. 1977 की हार के बाद इंदिरा गांधी ने भी कभी इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं किया. बोफोर्स कांड के झूठे आरोपों के समय भी राजीव गांधी की भाषा भी हमेशा संयमित रही थी. लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत बार-बार एक ही तरह की शब्दावली का उपयोग कर रहे हैं जो कि उचित नहीं है.

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फिर उनकी कोई भी मदद नहीं कर सकता

अशोक गहलोत के ताजा बयान में जिस तरह से उन्होंने पार्टी के भीतर कुछ लोगों पर सवाल खड़े किए हैं, हो सकता है उनका इशारा सचिन पायलट की तरफ हो. इसकी वजह ये भी हो सकती है कि सचिन पायलट को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनसे अधिक महत्व दे रहें हैं. इस वजह से भी अशोक गहलोत गुस्से और कुंठा में हैं. अब अगर वे समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए तो इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता.

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गहलोत ने क्या बयान दिया था

गौरतलब है कि गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं पर अवसरवादी नेता करार और नॉन परफॉर्मिंग नेता करार दिया है. गहलोत ने कहा, 'इन्हें निकम्मे कह दो, नकारा कह दो, गद्दार कह दो, ये तमाम शब्द भाई बहन हैं. इनका इस्तेमाल इन्हीं के लिए होता है जो गद्दारी करता है. डिक्शनरी में तो यही सत्य है. अशोक गहलोत ने कहा कि इन नेताओं ने अच्छा नहीं किया है. 5 साल सभी ने राज किया लेकिन जब संकट आया तो छोड़कर चले गए. ये वक्त अभी काम करने का है. ऐसे वक्त में ही नेता बनता है. गहलोत ने अपने बयान में सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन ये कहकर पायलट पर जरूर निशाना साधा है कि कुछ अवसरवादी गद्दार अभी भी पार्टी में है.'

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