आखिर किसके निशाने पर हैं भीलवाड़ा के मंदिर? हर दूसरे दिन हो रही माहौल बिगाड़ने की कोशिश

पहली घटना भीलवाड़ा में जन्माष्टमी से एक दिन पहले 26 अगस्त को हुई थी. गांधी सागर तालाब रोड स्थित हनुमान मंदिर में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बवाल शुरू हुआ था. तब से कभी छिट-पुट तो कभी बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में बने मंदिर किसके निशाने पर हैं? कौन है जो अमन चैन की फिजा में जहर घोलना चाहता है? ये सवाल आज आम जनमानस से लेकर अधिकारियों तक के जहन में घूम रहा है. मगर इसका जवाब किसी के पास नहीं है. सबसे ज्यादा ग्रहण तो नए बने शाहपुरा जिले में लगा हुआ है, जहां हर एक-दो दिन बाद लोगों को भड़काने वाली घटना सामने आ रही हैं. धर्मस्थल पर प्रतिमाओं को खंडित करने और अपशिष्ट फेंकने की करीब आधा दर्जन से अधिक घटनाएं अकेले शाहपुरा जिले में हो चुकी हैं. पुलिस एक मामले में हालात नियंत्रण में करती है तो दूसरा मामला उभर आता है. सांप्रदायिक तनाव की आंच में झुलसते शाहपुरा में तो जनप्रतिनिधि भी खुलकर पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.

हनुमान मंदिर में गोवंश के अवशेष

पहली घटना भीलवाड़ा में जन्माष्टमी से एक दिन पहले 26 अगस्त को हुई थी. गांधी सागर तालाब रोड स्थित हनुमान मंदिर में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बवाल शुरू हुआ था. तब से कभी छिट-पुट तो कभी बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं. ताजा मामला शनिवार कोटडी जहाजपुर रोड पर बने शनि महाराज मंदिर में तोड़फोड़ का सामने आया है. पूरे  घटनाक्रम में अब तक पुलिस एक तरफ मामले को संभालती है. इस दौरान दूसरी तरफ कोई नई घटना सामने आ रही है.

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CCTV दिखाकर कुत्ते को ठहराया दोषी

भीलवाड़ा से अलग करके बनाए गए शाहपुरा जिले में बवाल की शुरुआत 18 सितंबर को गणेश पंडाल में मृत पशु के अवशेष मिलने से हुई थी. जिसके बाद कस्बे के बाजार बंद हो गए थे, और नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी के साथ भाजपा के नेता धरने पर बैठ गए थे. प्रशासन ने आनन-फानन में सीसीटीवी वीडियो जारी कर पूरी घटना के लिए एक स्वान (कुत्ते) को दोषी बताकर मामला निपटाने का प्रयास किया. मगर इस मामले में मोड़ तब आया जब गांव के कुछ युवकों ने एक अन्य सीसीटीवी फुटेज पेश कर दिया, जिसमें एक विवाहिता को संदिग्ध वस्तु फेंकते दिखाया गया. 

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पुलिस की सुलह पर एमएलए के सवाल?

प्रशासन ने कौमी एकता दिखाने के लिए दोनों समुदाय के लोगों के साथ बैठक कर समझौता वार्ता कराई, जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पुष्प वर्षा की और अधिकारियों को बधाई दी. मगर इस मामले में महिला वाले सीसीटीवी फुटेज ने आग में घी का काम कर दिया. खुद भाजपा विधायक डॉक्टर लालाराम बैरवा ने पुलिस प्रशासन की अब तक की पूरी कार्रवाई को कटघरे में खड़ा कर दिया. गौरतलब है कि शाहपुरा विधायक डॉक्टर लालाराम बेरवा इस समय जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार का काम संभाले हुए हैं. विधायक में डॉक्टर बैरवा ने वीडियो जारी कर प्रशासन की कार्यशाली पर सवालिया निशान तो लगाए. साथ ही भाजपा संगठन को भी पूरे मामले में असहज कर दिया है.

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पुलिस ने समय पर कड़े कदम नहीं उठाए. इसलिए शाहपुरा जिले में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. इसके लिए शाहपुरा एसपी, एएसपी व थाना प्रभारी शाहपुरा जिम्मेदार हैं, जिन्हें तुरंत हटाया जाए -विजय ओझा, प्रांतमंत्री, विश्व हिन्दू परिषद, चितौड़गढ़ प्रांत

शाहपुरा-जहाजपुर की घटनाएं

तारीख

विवाद

10 सितंबर 2024रात में एक धर्मगुरु की अगवाई में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी पर बवाल.
14 सितंबर 2024पूरे दिन बाजार रहे बंद. आधा दर्जन केबिनों (थड़ियों) में तोड़फोड़. 2 केबिन को आग लगाई. 9 लोगों की हुए गिरफ्तार.
15 सितंबर 2024नन्दराय (कोटडी) में पुराने झगड़े को लेकर बाजार बंद रहे.
19 सितंबर 2024पुलिस की पहल पर कौमी एकता समझौता.
20 सितंबर 2024समझौता गलत बताया. विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस पर सकल समाज ने लगाए आरोप.
20 सितंबर 2024बीजेपी विधायक डाक्टर लालाराम बैरवा वीडियो जारी कर जताई आपत्ति.

मांडलगढ़-कोटडी की घटनाएं

तारीख

विवाद

18 सितंबर 2024जहाजपुर में सीएलजी की बैठक में विवाद. एक पक्ष बैठक छोड़कर बाहर निकला.
18 सितंबर 2024जहाजपुर में राम रेवाड़ी धार्मिक यात्रा पर हमला हुआ.
19 सितंबर 2024जहाजपुर कस्बे में केबिन में तोड़फोड़. लगातार 72 घंटे तक विवाद चला. विधायक गोपीचंद मीणा खुद धरने पर बैठे.

जहाजपुर में विवाद जारी

जहाजपुर कस्बे में 10 सितंबर को सीएलजी की बैठक में पहली बार विवाद हुआ. बैठक में एक पक्ष के लोग बहिष्कार करके चले गए 14 सितंबर को राम रेवाड़ी पर पात्रा हुआ .उसके बाद से लगातार जहाजपुर में माहौल में गर्म गर्मी कायम है. 14 सितंबर को राम रेवाड़ी के लिए निकला पीतांबर भगवान का विवाह आज भी वापस अपने ने मंदिर के लिए रवाना नहीं हुआ.

पुलिस अच्छा काम कर रही है. हम तो शुरुआत में हुई शाहपुरा की घटना को दुर्घटना मानते हैं जिसको कुछ लोग साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं. यह गलत है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए. -हमीद खान कायमखानी, सदर शाहपुरा


 

जांच अधिकारी बदले गए

शाहपुरा विधायक डॉ लालाराम बैरवा ने इस मामले पर NDTV राजस्थान से खास बातचीत में कहा, 'रोज रोज ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अब तक की जांच से हम संतुष्ट नहीं है. हमने इस पर आपत्ति की है. जांच अधिकारी बदले हैं. अब शाहपुरा थाने का कोई भी अफसर इस मामले की जांच में शामिल नहीं है. दो इंस्पेक्टर को पूरे मामले की जांच दी है. हम यह चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. जो भी लोग हैं आरोपी, उनको सजा मिलनी चाहिए. रोज-रोज की होने वाली इन घटनाओं से सबसे ज्यादा आम आदमी और गरीब प्रताड़ित होता है.'

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