सावधान! पशुओं को सड़क पर छोड़ा तो जाना पड़ सकता है जेल, जुर्माना भी देना पड़ेगा

सड़कों पर मवेशियों को छोड़ने वाले लोगों पर पशु अतिचार अधिनियम 1871 की धारा-11, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा-11 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस बाद का निर्णय बैठक में किया गया है.

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बैठक में शामिल जिम्मेदार अधिकारी और समाज के लोग.

आवारा पशुओं के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आवारा पशुओं के चक्कर में हादसे में कई लोगों जान तक जा चुकी है. इन बेजुबानों के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या अलग से लगी ही रहती है. लेकिन इन पशुओं को आवारा बनाने में सबसे बड़े दोषी वो पशुपालक हैं, जो सुबह-शाम इनसे दूध तो निकालते हैं लेकिन फिर उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं. अब आवारा पशुओं से हो रही परेशानी पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान के बालोतरा शहर में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. 

जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय के निर्देशानुसार बालोतरा शहर मुख्यालय को आवारा पशुओं से मुक्त करने के लिए आवारा पशुओं को शहर के नजदीकी गौशालाओं में भेजा जाएगा. आवारा पशुओं की समस्या पर मंगलवार को उपखण्ड अधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसके बाद उक्त फैसले की जानकारी दी गई.

खुले में घूमते आवारा पशुओं से लोग जान तक गँवा बैठते है

बैठक में नगर परिषद आयुक्त मघराज डूडी, पशु पालन विभाग के प्रतिनिधि, राज्य सरकार अनुदान प्राप्त करने वाली गौशाला संचालक और मामड़िया गौशाला आकडली, मां आईनाथ गो सेवा समिति कलावा, अन्नपूर्णा गौशाला बालोतरा, श्री सोनगरा मामाजी गौ सेवा समिति मूंगड़ा, श्री गौशाला बालोतरा और श्री खेतेश्वर गौशाला समिति ब्रह्मधाम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

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बैठक में फैसला लिया गया कि यदि कोई पशुपालक अपने पशुओं को आवारा विचरण करने हेतु छोड़ेगा तो पशुओं को पकड़कर गौ शालाओं में भेजा जायेगा. साथ ही संबंधित पशु पालक पर नगर परिषद प्रावधान के अनुसार जुर्माना राशि भी वसूल करेगी.

बैठक में उपखंड अधिकारी राजेश कुमार द्वारा बालोतरा शहर मुख्यालय के मुख्य सडकों, गलियों में घूम रहे समस्त आवारा पशुओं को नगर परिषद द्वारा वाहनों के माध्यम से गौशालाओं में स्थानांतरण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. नगर परिषद आयुक्त मघराज डूडी ने बताया कि इस संबंध में अपने अधीनस्थ कार्मिकों की टीमों का गठन कर प्रतिदिन आवारा पशुओं को पकड़कर गौ शालाओं में स्थानांतरण करने की व्यवस्था की जाएगी.

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उपखंड अधिकारी ने बताया कि नगर परिषद द्वारा लोडिंग वाहनों से गौशालाओं में पशुओं के स्थानांतरण कर संबंधित गौशाला संचालकों से सुपुर्दगी की व्यवस्था की जाएगी. पशु विभाग की टीम द्वारा छोड़े गये समस्त पशुओं की गौशाला में तत्काल टैगिंग की जानी सुनिश्चित करेंगे. नगर परिषद की टीम द्वारा गौ शालाओं में छोड़े गये समस्त पशुओं को संबंधित गौशाला संचालकों द्वारा उपखंड कार्यालय की अनुमति के बिना पुनःपशुपालक को नहीं सौंपा जायेगा.

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उन्होंने बालोतरा शहर मुख्यालय में समस्त पशुपालकों को अपने स्वयं के पालतु पशुओं को सड़को पर आवारा नहीं छोड़ने हेतु नगर परिषद द्वारा माईक और समाचार पत्रों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए.

ऐसे लोगों के खिलाफ IPC की धारा-289 के तहत केस दर्ज किया जायेगा. इसके अलावा CRPC की धारा 133, संविधान की धारा-21, पशु अतिचार अधिनियम 1871 की धारा-11, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा-11 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ेगा.

मुख्य सड़क मार्ग पर गायों का झुण्ड लगने से आमजन को समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है.

बैठक में उपस्थित गौशाला संचालक मामड़िया गौशाला आकड़ली ने 500 पशु, मां आईनाथ गौ सेवा समिति कलावा ने 100 पशु, अन्नपूर्णा गौशाला बालोतरा ने 50 पशु, श्री सोनगरा मामाजी गौ सेवा समिति मुंगडा ने 50 पशु, श्री गौशाला बालोतरा ने 50 पशु और श्री खेतेश्वर गौशाला समिति ब्रह्मधाम ने 50 पशु अपनी-अपनी गौशाला में स्थानांतरण कर रखने की सहमति भी  प्रदान की.

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