पैरों में स्केटिंग शू और हाथों में राम ध्वज लेकर 'जय श्री राम' के उद्घोष के साथ अयोध्या रवाना हुए भाई-बहन

Ayodhya Ram Temple Consecration Ceremony: पाली जिले के रूचियार गांव के निवासी दोनों भाई-बहन पाली से अयोध्या तक लगभग 1000 किलोमीटर से अधिक की दूरी स्केटिंग शू से चलकर तय करेंगे. इस यात्रा के दौरान उनके अभिभावक उनके साथ होंगे. 

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स्केटिंग शू पहनकर अयोध्या रवाना हुए भाई-बहन

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह युवाओं में ही नहीं, बच्चों में भी देखने को मिल रहा है. राजस्थान के पाली जिले के दो भाई बहन 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के लिए घर से स्केटिंग शू पहनकर निकल पड़े हैं.

पाली जिले के रूचियार गांव के निवासी दोनों भाई-बहन पाली से अयोध्या तक लगभग 1000 किलोमीटर से अधिक की दूरी स्केटिंग शू से चलकर तय करेंगे. इस यात्रा के दौरान उनके अभिभावक उनके साथ होंगे. 

रामचरितमानस में एक चौपाई है, 'प्रबिसि नगर कीजै सब काजा, हृदय राखि कौशलपुर राजा' को चरित्रार्थ करने निकले 12 वर्षीय कैलाश चौधरी और 7 वर्षीय सिमरन चौधरी की हठ के आगे उनके अभिभावकों की एक न चली और उनके प्रण को पूरा करने के लिए वो भी उनके साथ हो लिए. राम के प्रति आस्था दोनों को उनकी दादी ने अयोध्या भेजने का फैसला किया.

पैरों में स्केटिंग शू पहनकर अयोध्या के लिए रवाना हुए दोनों बच्चे चचेरे भाई बहन हैं, दोनों की अयोध्या जाने की जिद्द को पूरा करने के लिए अभिभावकों को उनके स्कूल से अवकाश लेनी पड़ गई. 

रिपोर्ट के मुताबिक गत 11 जनवरी को दोनों भाई-बहन ने भीनमाल से अपनी यात्रा की शुरूआत की है और पाली पहुंचने पर हिन्दू संगठनों की ओर से उनका स्वागत किया गया. कैलाश के पिता वालाराम चौधरी ने बताया कि उनकी माता पुनि देवी चौधरी भगवान राम की भक्ति भाव में हमेशा लीन रहती है और उनसे प्रेरणा लेकर पुत्र कैलाश और छोटे भाई की पुत्री सिमरन ने अयोध्या यात्रा की योजना बनाई.

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अयोध्या यात्रा के लिए रवाना हुईं 7 वर्षीय सिमरन चौधरी की 22 जनवरी को जन्मदिन है. सिमरन अपना 8वां जन्मदिन अयोध्या पहुंचकर भगवान राम का दर्शन करके मनाना चाहती हैं. 

उन्होंने बताया कि पहले तो दोनों भाई-बहन को अयोध्या की लंबी यात्रा टालने के लिए काफी समझाया गया, लेकिन दोनों अपनी जिद्द पर अड़े रहे और अंततः दोनों ने पैरों में स्केटिंग शू पहनकर अयोध्या की यात्रा पर जाने के लिए इजाजत दी गई. हालांकि दोनों भाई-बहन के साथ अभिभावक मौजूद रहेंगे. 

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