Ajmer Dargah dispute: अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इसके लिए दरगाह पक्ष को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 20 दिसंबर को होगी. नोटिस के बाद अब बयानबाजी भी तेज हो गई है. इस मामले में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने न्यायपालिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सुबह उठते ही ऐसी खबरों पर ध्यान जाता है. पता नहीं अगले 1 महीने में ऐसी कितनी पिटीशन दाखिल होगी. शायद इससे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान हटाया जा सके.
रोटी, कपड़ा और मकान से ध्यान हटाने की कोशिश- नगीना सांसद
सांसद ने कहा कि यह सबकुछ रोटी, कपड़ा, मकान और बेरोजगारी की समस्या से ध्यान हटाने के लिए हो रहा है. जब सरकार और कोर्ट सिस्टम मिलकर चीजों को अपनी तरह से चलाने की कोशिश करेंगे तो उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ेगा. इसलिए मैं देश के संविधान की प्रस्तावना को लेकर आया हूं. ऐसे समय में हमें कमजोर लोगों के साथ होना चाहिए.
चंद्रशेखर का सवाल- 1991 के वर्शिप एक्ट की पालना क्यों नहीं हो रही
उन्होंने कहा कि इस देश में 1991 का वर्शिप एक्ट है, जिसे हमने नहीं बनाया है. संसद ने बनाया है, उसका पालन क्यों नहीं हो रहा है. यह उन्हीं जगहों पर हो रहा है, जहां बीजेपी की सरकार है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या भारत में कोर्ट से गलत फैसला नहीं होते हैं? दिल्ली में गुरु रविदासजी का मंदिर को कोर्ट के ऑर्डर से तोड़ा गया था और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से वह मंदिर फिर बना.
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