Bakrid kab hai: मुस्लिम समुदाय का प्रमुख त्योहार बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, भारत में इस साल 7 जून, 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा. हालांकि, इस्लामिक कैलेंडर चांद के दीदार पर आधारित होता है, जिसके कारण दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसकी तारीखें थोड़ी भिन्न हो सकती हैं.इस पर्व को इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जुल-हिज्जा के दसवें दिन मनाया जाता है.
तारीख का निर्धारण कैसे होता है?
इस्लामिक त्योहारों की तारीखें चांद दिखने पर निर्भर करती हैं. बकरीद, ज़ु अल-हज्जा महीने के दसवें दिन मनाई जाती है, जो कि इस्लामिक कैलेंडर का बारहवां और अंतिम महीना है. दुनिया भर में चांद दिखने के समय में अंतर के कारण, कुछ देशों में यह त्योहार एक दिन पहले या बाद में मनाया जा सकता है. उदाहरण के लिए, सऊदी अरब और कुछ अन्य मध्य पूर्वी देशों में चांद पहले दिख सकता है, जिसके कारण वहां 6 जून को बकरीद मनाई जा सकती है.
भारत में 7 जून को ही क्यों?
सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद ही बकरीद ( Eid Ul Adha 2025 date and time) की तारीख को तय किया जाता है. इस बार 27 मई को जुल-हिज्जा का चांद सऊदी अरब में दिखाई दिया है, जिससे यह तय हुआ है कि सऊदी अरब में 6 जून और भारत में 7 जून को (Eid ul-Adha 2025 date) बकरीद मनाई जाएगी.
क्यों दी जाती है बकरीद
बकरीद इस्लाम में बलिदान और विश्वास का त्योहार है. यह पैगंबर इब्राहिम (अब्राहम) द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने की इच्छा की याद दिलाता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं, जानवरों की कुर्बानी देते हैं, और इस गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते हैं - एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों को, और तीसरा अपने परिवार के लिए रखते हैं. यह त्योहार दान, भाईचारे और अल्लाह के प्रति समर्पण का प्रतीक है.