Eid al-Adha 2025: देशभर में आज मनाई जा रही ईद उल अजहा, राजस्थान की अजमेर दरगाह में अदा की गई सुबह की नमाज

Happy Eid-ul-Adha 2025: हर क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए हैं.

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तस्वीर अजमेर दरगाह की.

Bakrid: मुस्लिम समुदाय का प्रमुख त्योहार बकरीद (ईद उल अजहा) आज मनाया गया. देशभर के साथ राजस्थान में भी 7 जून को ईद-उल-अजहा का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाई गई. त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अज़हा के मौके पर बीकानेर की ईदगाह में 7 बजकर 45 मिनट पर नमाज हुई. नमाज़ के बाद क़ुर्बानी का दौर चलेगा. इस मौके पर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए हैं. वहीं, करौली में भी डीएम ने शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं. शहर में 200 के करीब और हिंडौन में 150 पुलिस का जाब्ता तैनात है. शहर में डिफ्टी, कोतवाली, सदर, महिला सदर और साइबर SHO मौजूद हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित थानाधिकारी निगरानी कर रहे हैं. 

तारीख का निर्धारण कैसे होता है?

इस्लामिक त्योहारों की तारीखें चांद दिखने पर निर्भर करती हैं. ईद उल अजहा, ज़ु अल-हज्जा महीने के दसवें दिन मनाई जाती है, जो कि इस्लामिक कैलेंडर का बारहवां और अंतिम महीना है. दुनिया भर में चांद दिखने के समय में अंतर के कारण, कुछ देशों में यह त्योहार एक दिन पहले या बाद में मनाया जाता है.  

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सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद ही ईद उल अजहा की तारीख तय की गई. इस बार 27 मई को जुल-हिज्जा का चांद सऊदी अरब में दिखाई दिया था, जिससे यह तय हुआ है कि सऊदी अरब में 6 जून और भारत में 7 जून को बकरीद मनाई जाएगी.

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क्यों दी जाती है बकरीद पर कुर्बानी?

ईद उल अजहा इस्लाम में बलिदान और विश्वास का त्योहार है. यह पैगंबर इब्राहिम (अब्राहम) द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने की इच्छा की याद दिलाता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं, जानवरों की कुर्बानी देते हैं और इस गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते हैं- एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों को और तीसरा अपने परिवार के लिए रखते हैं. 

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