8 साल के बच्चे का मां ने कराया था धर्मांतरण, जबरन खतना.. नाम बदल कर मदरसे में एडमिशन, मिली 10 साल की सजा

Religious Conversion Case: राजस्थान में एक व्यापारी के 8 साल के बेटे के अपहरण और धर्म परिवर्तन करने के मामले में कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है. दोषी ने बच्चे का खतना करवाकर मदरसे में उसका दाखिला करवा दिया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan News: राजस्थान के बालोतरा जिले के सिवाना निवासी बिजनेसमैन के 8 साल के बेटे का जबरन धर्मांतरण और खतना करने के मामले में लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिला है. मध्यप्रदेश के धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत इंदौर कोर्ट ने मां समेत 3 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. पूरा मामला 2018 का है, जब अनाज के व्यापारी महेश नाहटा की पत्नी प्रार्थना शिवहरे और तीन साल के बेटे को लेकर खारजाना निवासी इलियास अहमद के साथ इंदौर चली गई थी. 2023 में प्रार्थना और इलियास ने शाजापुर निवासी मोहम्मद जफर अली की मदद से बच्चे का जबरन धर्मांतरण और खतना करा दिया. 

फर्जी दस्तावेज बनाकर मदरसे में कराया दाखिला

शाहपुरा के रहने वाले जफर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर इलियास को बच्चे का पिता बना दिया और मदरसे में एडमिशन करा दिया, साथ ही बच्चे का नाम भी बदल दिया. व्यापारी महेश नाहटा की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने 15 जुलाई 2023 को इलियास को गिरफ्तार किया. 20 जुलाई 2023 को कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी पिता को सौंप दी. मंगलवार को इंदौर कोर्ट ने प्रार्थना, इलियास और जफर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई.

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व्यापारी के बेटे के जबरन धर्मांतरण की पूरी कहानी

बालोतरा के सिवाना उपखण्ड निवासी महेश नाहटा जो अनाज के व्यापारी है, इनकी शादी जून 2014 में शाजापुर (MP) निवासी प्रार्थना से हुई. 2015 में उनके घर में बेटे का जन्म हुआ, फरवरी 2018 में  अपने ससुराल शाजापुर में सगाई समारोह में गए थे. वहां से लौटते वक्त पत्नी प्रार्थना तीन साल के बेटे को लेकर रतलाम के सालाखेड़ी गांव में बस से लापता हो गई. उन्होंने दोनों को ढूंढने की पूरी कोशिश की लेकिन उनका पता नहीं लगने पर महेश ने रतलाम थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई.

करीब 5 साल बाद जब उन्हें पता चला कि प्रार्थना ने अपना धर्म परिवर्तन करके खारजाना निवासी अपने प्रेमी इलियास के साथ रह रही है. व्यापारी महेश की शिकायत पर रतलाम पुलिस ने इलियास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं प्रार्थना बेटे को लेकर वापस शाजापुर चली गई. कुछ दिन बाद इलियास ने जेल से छूटने के बाद प्रार्थना से संपर्क कर उसे अपने पास बुला लिया. महेश ने बेटे की कस्टडी के लिए शाजापुर कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन दोनों का पता नहीं चल सका.

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बेटे का जबरन धर्मांतरण

2023 में पता चला कि प्रार्थना इंदौर के खजराना की रजा कॉलोनी में इलियास के साथ रह रही है. इलियास ने जफर अली नाम के व्यक्ति की मदद से खुद को बच्चे का पिता बताकर उसका नाम और जन्म प्रमाण पत्र बदलवा दिए. वहीं बच्चे का खतना भी कराया और जबरन मदरसे में एडमिशन करा दिया. उसके बाद महेश ने जुलाई 2023 में खजराना थाने में मामला दर्ज कराया.

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पुलिस ने 15 जुलाई को इलियास को गिरफ्तार किया, 20 जुलाई 2023 को कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी पिता को दी. अब कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 467 और 471 में 10-10 साल के सश्रम कारावास और 60-60 हजार रुपए के जुर्माना लगाया.

महेश नाहटा ने बताया कि मध्यप्रदेश में लागू किये गए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यदेश के कारण उसको न्याय मिला है,अब उसका बेटा उसके पास है और इंग्लिश मीडियम स्कूल में अध्ययनरत है,उन्होंने राजस्थान में जबरन व धोखे से धर्मांतरण के बढ़ते मामले को लेकर राजस्थान में इसी तरह कानून लागू करने की मांग उठाई.

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