बालोतरा में 78 अवैध कपड़ा फैक्ट्रियों पर चला बुलडोजर, हड़कंप मचते ही ताला लगाकर फरार हुए फैक्टरी मालिक

Rajasthan News: बालोतरा में आबादी वाले इलाकों में चल रहे 78 अवैध कपड़ा कारखानों के खिलाफ प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की है. जिससे फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मच गया है.

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Balotra bulldozer action

 Bulldozer Action in balotra: राजस्थान के बालोतरा में आबादी वाले इलाकों में चल रहे अवैध कपड़ा कारखानों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है. नगर परिषद, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और विद्युत विभाग की संयुक्त टीम ने भारी पुलिस बल के साथ इन अवैध इकाइयों पर छापा मारा. इस दौरान कई फैक्ट्रियों की मशीनरी जब्त की गई, बिजली कनेक्शन काटे गए, पानी की टंकियां ध्वस्त कर दी गईं और मीटर जब्त कर लिए गए. इस कार्रवाई से अवैध संचालकों में हड़कंप मच गया. कुछ तो अपने कारखानों को ताला लगाकर वहां से गायब हो गए

प्रदूषित पानी से बिगड़ रही है स्थिति

अधिकारियों के मुताबिक, नूरानी मोहल्ला, खारिया वेरा, जेरला और गंदे नाले के किनारे बड़ी संख्या में अवैध कपड़ा इकाइयां संचालित हो रही थीं. ये फैक्ट्रियां केमिकल युक्त प्रदूषित पानी सीधे सीवरेज और नालों में छोड़ रही थीं, जिससे नगर परिषद का एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) भी प्रभावित हो रहा था. इसके अलावा, यह जहरीला पानी खेड़ और कलावा जैसे गांवों के खेतों को भी बर्बाद कर रहा था.

कार्रवाई से मचा हड़कंप
Photo Credit: NDTV

78 अवैध फैक्ट्रियां हुईं चिह्नित

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने एक संयुक्त टीम का गठन किया था. इस टीम के सर्वे में बालोतरा में 78 अवैध कपड़ा इकाइयां चिन्हित की गईं, जो प्रदूषित पानी को बिना ट्रीटमेंट के नालों में बहा रही थीं. हाल ही में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने इन फैक्ट्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

रोजी-रोटी का संकट

हालांकि, इस कार्रवाई से प्रभावित हुए कुछ संचालकों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है. नूरानी मोहल्ला और जेरला जैसे इलाकों में हैंड प्रोसेस (हाथों से रंगाई-छपाई) का काम करने वाले कुछ परिवारों का कहना है कि वे केवल प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं और किसी भी हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से उनकी आजीविका पर संकट आ गया है.

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कार्रवाई से मचा हड़कंप

प्रशासन की इस कार्रवाई की खबर मिलते ही कई फैक्ट्री संचालक अपनी इकाइयों पर ताला लगाकर फरार हो गए, जबकि कुछ जगहों पर खुद ही मशीनें हटाते दिखे. कई संचालकों ने प्रशासन से कुछ दिनों की मोहलत भी मांगी. इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक तंवर, नगर परिषद आयुक्त रामकिशोर मेहता, तहसीलदार गोपीकिशन पालीवाल और जसोल थानाधिकारी राजेंद्र सिंह सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा.

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