Rajasthan: आदिवासी क्षेत्र में उच्च शिक्षा होगी महंगी, GGTU ने 20 प्रतिशत तक बढ़ाई फीस

विश्वविद्यालय ने 2017 के बाद कोविड व अन्य कारण से अभी तक शुल्क नहीं बढ़ाया है. समय के अनुसार, इसमें बढ़ोतरी करना जरूरी है. विश्वविद्यालय के विकास के लिए शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय (GGTU) द्वारा आगामी सत्र 2024- 25 में निजी कॉलेज से संबद्धता शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर देने से आदिवासी अंचल में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों पर महंगाई की मार पड़ेगी. इससे जनजाति अंचल के बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ में रहने वाले लाखों छात्रों को पर इसका अधिक असर पड़ सकता है. बड़े हुए संबद्धता शुल्क के मद्देनजर निजी कॉलेज संचालक वार्षिक शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी कर सकते हैं, जिसका सीधा असर छात्रों की जेब पर पड़ेगा.

अब चुकाने होंगे इतने रुपये

बॉम के निर्णय अनुसार, कॉलेज को संबद्धता प्राप्त करने के लिए बढ़ी हुई फीस के साथ ही ₹1000 आवेदन, 10 से 15000 रुपए निरीक्षण एवं 18% जीएसटी जमा करनी होगी. स्नातक कला संकाय में 80 छात्रों के एक इंटक के लिए करीब 1,32,000 शुल्क जमा करवाना होगा. कॉलेज संचालक के लिए अन्य मापदंडों भी पालना भी करनी होगी. इसमें आयुक्तालय से एनओसी प्राप्त करना, भवन का ब्लूप्रिंट भवन, सुरक्षा प्रमाण पत्र, शैक्षणिक एवं शिक्षण स्टाफ की सूची, 6 माह का बैंक स्टेटमेंट भी देना होगा.

31 जनवरी है अंतिम तारीख

विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-25 के संबद्धता के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी तय की है. इसके बाद देरी पर समय अनुसार, 25 हजार रुपए से लेकर 2 लाख तक जुर्माने का प्रावधान भी तय किया है. साथ ही स्पष्ट किया है कि शुल्क जमा करने मात्र से संबद्धता कि गारंटी नहीं समझी जाए. एनओसी सहित सभी आवश्यक दस्तावेज पूर्ण करने पर ही संबद्धता पत्र जारी किया जाएगा. 

निजी कॉलेज के तूलना में अधिक

निजी कॉलेज संचालकों का कहना है कि अन्य विश्वविद्यालय की तुलना में गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय का सामान्य शुल्क बहुत अधिक है. राजस्थान विश्वविद्यालय में स्नातक के शुल्क से तुलना करें तो यहां 35440 रुपए और जय नारायण विश्वविद्यालय में सभी शुल्क मिलाकर करीब 40000 से 45000 में जबकि जीजीटीयू में करीब 1,32,000 सामान्य शुल्क है.

Advertisement

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दिया ये जवाब

इस बारे में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा कि सामान्य शुल्क बढ़ाने का निर्णय बॉम में हुआ है. विश्वविद्यालय ने 2017 के बाद कोविड व अन्य कारण से अभी तक शुल्क नहीं बढ़ाया है. समय के अनुसार, इसमें बढ़ोतरी करना जरूरी है. विश्वविद्यालय के विकास के लिए शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया गया है.

ये भी पढ़ें:- कोटा में नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने होस्टल के कमरे में किया सुसाइड, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप

Advertisement