Rajasthan: दबंगों के कब्जे में बुजुर्ग की जमीन, न्याय के लिए पानी की टंकी पर चढ़े... सुबह से शाम तक बिना खाए हैं डटे

परिवार के चार सदस्य सिविल लाइन पानी की टंकी पर चढ़कर कब्जा हटवाने और जमीन सुपुर्द कराने की मांग पर अड़ गए. पीड़ित पक्ष साफ कह रहा है कि कागजी कार्रवाई और आदेशों के बजाय जमीन से वास्तविक कब्जा हटाकर ही वे आंदोलन खत्म करेंगे.

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दबंगों के कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिए टंकी पर चढ़े बुजुर्ग

Rajasthan News: राजस्थान के बारां जिले में समरानिया कस्बे के चार बुजुर्ग अपनी जमीन के अधिकार के लिए सोमवार को सर्दी में सुबह से बिना खाए-पिए पानी की टंकी पर डटे हुए हैं. बुजुर्गों ने अपनी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा करने और निर्माण की कोशिश का आरोप लगाया है. टंकी पर चढ़े बुजुर्गों की उम्र 75-70 वर्ष है. बुजुर्गों का कहना है कि हमारी जमीन का न्याय चाहिए, बस यही आस लेकर बैठे हैं. प्रशासन ने कई बार आश्वासन दिए, लेकिन हर बार झूठा निकला. 

नारायनखेड़ा रोड पर है पीड़ित की जमीन

दरअसल, शाहबाद क्षेत्र के एक परिवार का आरोप है कि पीड़ित परिवार की समरानिया कस्बे के नारायनखेड़ा रोड पर करीब एक बीघा 10 विस्वा खातेदारी जमीन है. जिस पर दबंगों ने कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया. जमीन को मुक्त कराने को लेकर शाहाबाद तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी होने के बाद भी मौके पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है. इसके बाद नाराज परिजन (अमृतलाल, 75 वर्षीय बाबूलाल, कमला, सविता) सोमवार को फिर से बारां शहर की सिविल लाइन स्थित पेयजल टंकी पर चढ़ गए.

जमीन से कब्जा हटवाने की मांग पर अड़े बुजुर्ग

टंकी पर चढ़े बुजुर्ग दंपत्ति, उनकी बहू और बुजुर्ग का भाई समेत कुल चार सदस्य सिविल लाइन पानी की टंकी पर चढ़कर कब्जा हटवाने और जमीन सुपुर्द कराने की मांग पर अड़ गए. परिवार का कहना है कि जब तक मौके से कब्जा हटाकर जमीन उन्हें नहीं सौंपी जाती, तब तक वे नीचे नहीं उतरेंगे. सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिवार को समझाइश कर नीचे उतारने के प्रयास किये जा रहे हैं. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और सुरक्षा घेरा बनाकर हालात पर नजर रखी जा रही है.

पहले भी इसी मांग को लेकर टंकी पर चढ़ा था परिवार

बता दें कि पीड़ित परिवार पहले भी इसी मांग को लेकर टंकी पर चढ़कर विरोध जता चुका है और प्रशासन से मिले आश्वासनों के पूरे न होने का आरोप लगाते हुए आज फिर से पानी की टंकी पर चढ़ गया. पीड़ित पक्ष साफ कह रहा है कि कागजी कार्रवाई और आदेशों के बजाय जमीन से वास्तविक कब्जा हटाकर ही वे आंदोलन खत्म करेंगे. वहीं प्रशासन स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की बात कर रहा है.

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