Rajasthan News: पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के बाद बाड़मेर और बालोतरा में लगे आपत्तिजनक पोस्टरों के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. बाड़मेर पुलिस ने इस बहुचर्चित पोस्टर कांड में 7 आरोपियों को नामजद किया है, जिनमें जनप्रतिनिधि और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष तक शामिल हैं. पुलिस इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों की पहचान की है. इसके अलावा, बालोतरा में संचालित एक प्रिंटिंग प्रेस को भी इस मामले में नामजद किया गया है, जहां से ये आपत्तिजनक पोस्टर प्रिंट किए गए थे.
नामजद आरोपियों में कौन-कौन शामिल?
पुलिस द्वारा नामजद किए गए आरोपियों में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हैं, जो इस मामले को और भी संवेदनशील बना देता है. नामजद आरोपियों में से एक बालोतरा जिले में जिला परिषद का सदस्य है. एक अन्य आरोपी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुका है. आरोपियों में एक व्यक्ति पचपदरा रिफाइनरी में ठेकेदार भी है. नामजद किए गए प्रमुख आरोपियों में खेराजराम हुड्डा, अशोक कुमार, नारायण, जसराज, गिरधारीलाल, श्रवण कुमार (परेऊ) और अशोक कुमार शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपियों की पहचान मुख्य रूप से पोस्टर लगाने में उपयोग किए गए वाहनों की मदद से की गई है. बाड़मेर पुलिस की 3 टीमें लगातार जांच और गिरफ्तारी के प्रयासों में जुटी हुई हैं.
क्या था पूरा पोस्टर कांड?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस पार्टी से निष्कासित चल रहे पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी हुई. मेवाराम जैन पिछले दिनों अश्लील सीडी प्रकरण और दुष्कर्म मामले में नाम आने के बाद विवादों में घिर गए थे, जिसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि, बाद में कोर्ट से उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. कांग्रेस में उनकी वापसी के बाद, जब मेवाराम जैन बाड़मेर पहुंच रहे थे, तभी बालोतरा और बाड़मेर में कई जगहों पर बड़े-बड़े पोस्टर दिखाई दिए. इन पोस्टरों पर 'बलात्कारी हमें मंजूर नहीं' और 'बहनों का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर की कांग्रेस' जैसे आपत्तिजनक स्लोगन लिखे हुए थे. पोस्टर पर बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर कांग्रेस कमेटी का नाम लिखा गया था, जिससे यह भ्रम फैला कि यह विरोध पार्टी के अंदर से आ रहा है. हालांकि, तीनों ही जिलों की कांग्रेस कमेटियों ने तुरंत साझा बयान जारी करते हुए पोस्टरों से खंडन किया और इसे साजिश बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.
हरीश चौधरी पर लग रहे थे आरोप
मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी का विरोध उनकी ही पार्टी के पूर्व मंत्री और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने खुलकर किया था. हरीश चौधरी ने खुले मंच से नाम लिए बिना कहा था कि ऐसे चरित्रहीन लोगों के साथ मंच साझा करने से बेहतर है कि वह घर बैठ जाएंगे. उन्होंने आलाकमान के सामने भी मेवाराम की वापसी का पुरजोर विरोध जताया था, लेकिन उनके विरोध को दरकिनार कर दिया गया. कांग्रेस में वापसी के विरोध में लगे इन पोस्टरों के पीछे हरीश चौधरी का हाथ होने के आरोप लगाए जा रहे थे. हालांकि, पुलिस की जांच में अब 7 अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं, जो इस मामले के असली मास्टरमाइंड हो सकते हैं. पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस पोस्टर कांड के पीछे की साजिश क्या थी और इसके राजनीतिक तार कहां तक जुड़े हैं. पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.
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