Rajasthan: भामाशाह और शिक्षकों ने मिलकर बदली स्कूल की तस्वीर; नामांकन बढ़े, खेल में भी टॉपर हैं यहां के बच्चे

Barmer News: स्कूल में शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए हैं. इसके बावजूद भामाशाह के सहयोग से निजी शिक्षक नियुक्त किए हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े.

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Best government school of Barmer: राजस्थान में सरकारी स्कूल के जर्जर भवनों की तस्वीर सामने आने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं, एक ऐसी भी तस्वीर हैं, जहां भामाशाह और शिक्षकों ने मिलकर स्कूल की तस्वीर बदल दी. बाड़मेर जिले का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भीमथल 14 बीघा के विशाल परिसर में फैला हुआ है. यह स्कूल किसी भी मामले में निजी स्कूल से कम नहीं है. भामाशाह हनुमानराम जांदू के 30 लाख रुपये के व्यक्तिगत योगदान समेत कुल 60 लाख रुपए से अधिक की लागत से स्कूल परिसर को आधुनिक और हरित बनाया गया है. इसमें ग्रीन पार्क, ओपन जिम, सेल्फी प्वाइंट और 1000 से अधिक 
फलदार व छायादार पेड़-पौधे शामिल हैं, जो परिसर को पर्यावरण के अनुकूल और आकर्षक बनाते हैं.

डिजिटल एजुकेशन की भी सुविधा

यहां बच्चों को डिजिटल बोर्ड के माध्यम से आधुनिक शिक्षा दी जाती है. शिक्षक स्कूल समय के बाद भी दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी आयोजित करते हैं. ताकि बोर्ड परीक्षाओं की विशेष तौर पर तैयारी हो सके. परिसर की CCTV कैमरों से निगरानी की जाती है और सभी छात्रों के लिए ID कार्ड, टाई व बेल्ट, और छात्राओं के लिए दो चोटी अनिवार्य है. बिना अनुमति कोई भी विद्यार्थी परिसर में नहीं घूम सकता, जिससे स्कूल का माहौल अनुशासित और सुरक्षित रहता है. 

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पद खाली पड़े, निजी शिक्षक पढ़ा रहे

खेल गतिविधियों में भी यह विद्यालय राजस्थान के अन्य स्कूलों से आगे है. कबड्डी और फुटबॉल समेत विभिन्न खेलों की विशेष कोचिंग दी जाती है, जिसने स्कूल को खेलों के मामले में भी शीर्ष पर पहुंचाया है. प्रधानाचार्य बींजाराम सुथार बताते हैं, “हमने रिक्त शिक्षकों पदों के बावजूद भामाशाह के सहयोग से निजी शिक्षक नियुक्त किए हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े. हमारी पूरी शिक्षक टीम दिन-रात मेहनत कर इस विद्यालय को उच्च मानकों पर ले जा रही है.”

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इस मेहनत का नतीजा है कि इस सत्र में स्कूल में 200 नए नामांकन हुए और वर्तमान में 700 से अधिक बच्चे कला और विज्ञान संकाय में अध्ययनरत हैं. इसी के साथ आउट पास सिस्टम लागू किया गया है कोई भी विद्यार्थी आउट पास के बिना अपनी क्लास से बाहर नहीं निकल सकता है. सरकार के व्यावसायिक शिक्षा पर जोर को ध्यान में रखते हुए स्कूल में अत्याधुनिक लैब भी स्थापित की गई है, जो बच्चों को प्रायोगिक और व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करती है.

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