Rajasthan News: पिछले दिनों बाड़मेर के पूर्व कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन (Mewaram Jain) और करीबी मानें जाने वाले 7 से 8 अन्य आरोपियों के खिलाफ एक युवती ने सामूहिक बलात्कार, एससी-एसटी, पॉक्सो की धाराओं के अंतर्गत जोधपुर के राजीव गांधी थाने में मामला दर्ज करवाया था. उस मामले में गुरुवार को जांच अधिकारी एडीसीपी वेस्ट चंचल मिश्रा के नेतृत्व में सीआरपीसी 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने एफआईआर दर्ज करवाने वाली महिला, वारदात के दौरान नाबालिक सहेली और नाबालिक पुत्री के बयान अलग-अलग दर्ज करवाए गए.
हाईकोर्ट ने दी थी राहत
जोधपुर की रहने वाली एक युवती ने बाड़मेर के पूर्व कांग्रेसी विधायक मेवाराम जैन और रामस्वरूप आचार्य पर आरोप लगाते हुए जोधपुर के राजीव गांधी थाने में 20 दिसंबर को एक एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमें युवती ने पूर्व कांग्रेसी विधायक और रामस्वरूप आचार्य और 1 आरपीएस अधिकारी, दो पुलिसकर्मियों सहित करीब 7 अन्य के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे. महिला द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद पूर्व कांग्रेसी विधायक मेवाराम जैन राजस्थान हाईकोर्ट में गए, जहां पर हाईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेसी विधायक मेवाराम जैन को 25 जनवरी तक के लिए राहत दी और पुलिस की जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए. वहीं पीड़िता को भी पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए.
जांच अधिकारी बदला
इस मामले की पहले जांच शिकाउ एडीसीपी प्रेम धन्दे को दी गई थी. जो कि कांग्रेस के जैसलमेर के पूर्व विधायक रुपाराम धन्दे की पुत्री हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच नहीं होने की आशंका के चलते जांच बदली गई, और अब जांच एडीसीपी वेस्ट चंचल मिश्रा द्वारा की जा रही है. मिश्रा ने बताया कि 164 के बयान की कॉपी मिलने के बाद पुलिस जांच आगे बढ़ाएगी. इससे पहले 24 दिसंबर को पीड़िताओं ने जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम चंचल मिश्रा के समक्ष बयान दर्ज करवाए थे.
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