मकर संक्राति पर पुष्कर सरोवर में स्नान से मोक्ष मिलने की मान्यता, हजारों श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में लगाई डुबकी

मकर संक्रांति का पवित्र पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है. पूरे भारत में इसे उत्साह के साथ मनाया जाता है. खासकर राजस्थान में, मकर संक्रांति पर पुष्कर सरोवर में स्नान करना आस्था, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है.

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मकर संक्रांति के पर्व पर पुष्कर सरोवर में स्नान करते हुए श्रद्धालु.
NDTV Reporter

Rajasthan News: आज मकर संक्रांति (Makar Sankranti) है. यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जो हर साल पौष महीने में मनाया जाता है. देश के अलग-अलग राज्यों में इस पर्व को खिचड़ी-पोंगल जैसे अलग-अलग नामों और परंपराओं से मनाया जाता है. राजस्थान की बात करें तो मकर संक्रांति पर पुष्कर सरोवर (Pushkar Lake) में स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान करने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु यहां आते हैं. आज के दिन स्नान की परंपरा है, जिसे मोक्ष और पापों से मुक्ति का माध्यम माना जाता है.

आज दान-पुण्य का विशेष महत्व

पुष्कर सरोवर हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन यहां स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भगवान ब्रह्मा के मंदिर में दर्शन कर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर पुष्कर में मेला लगता है, साथ ही धार्मिक आयोजन भी होते हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं. सरोवर के चारों ओर गूंजती आरती और मंत्रों की ध्वनि माहौल को और पवित्र बना देती है. इस पर्व पर विशेष दान-पुण्य का भी महत्व है, और लोग गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन दान करते हैं.

मकर संक्रांति पर स्नान का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन महापुण्य काल सुबह 9:03 मिनट से सुबह 10:48 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही पुण्य काल सुबह 9:03 मिनट से शाम 5:46 मिनट तक रहेगा. वहीं, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 मिनट से 6:21 मिनट तक रहेगा. तो आप इन मुहूर्तों में गंगा स्नान कर सकते हैं. पुणय काल का समय अत्यंत शुभ माना जाता है, जिसमें स्नान, ध्यान, पूजा, जप-तप और दान का विशेष महत्व है. इस दौरान किए जाने वाले पूजा और दान से सूर्य देव की विशेष कृपा मिलती है. लोग इस दिन गंगा स्नान, तिल-गुड़ के लड्डू बांटते और जरूरतमंदों को अन्न दान जैसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

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