Rajasthan: सरकारी नौकरी के लिए दो बहनें बन गईं 'विधवा', टीचर बनने के लिए लगाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

Rajasthan News: ब्यावर जिले में दो सगी बहनों ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़े की सारी हदें पार कर दीं. इन दोनों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कराकर सरकारी नौकरी हथिया ली.

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दोनों सगी बहनें

Beawar News: सरकारी नौकरी पाने के लिए कोई डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठ रहा है तो कोई उच्च अधिकारियों से मिलीभगत कर पेपर लीक करवा रहा है. अब इस काम में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. हाल ही में एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में एक पुरुष सब इंस्पेक्टर के साथ दस महिला प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है. वहीं टीचर भर्ती में भी गड़बड़ी पाए जाने का  ब्यावर जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. इस मामले में दो सगी बहनों ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़े की सारी हदें पार कर दीं. इन दोनों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कराकर सरकारी नौकरी हथिया ली. अब शिक्षा विभाग में इस फर्जीवाड़े के पता चलने की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.

 फेक डेथ सर्टिफिकेट लगाकर पाई नौकरी

प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्यावर जिले की निवासी सुनीता और रेखा चौहान दोनों सगी बहनें अविवाहित होते हुए अपने पति की मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शिक्षिका की नौकरी पाने में कामयाब हो गई. जानकारी के अनुसार सुनीता चौहान वर्ष 2022 में शिक्षक भर्ती शिक्षक परीक्षा में अपनी बड़ी बहन के देवर छगनलाल की सड़क दुर्घटना में मृत्यु का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शिक्षिका बन गई. रेखा वर्ष 2016-17 भर्ती में अपने ही गांव में रहने वाले मदन सिंह की मृत्यु का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शिक्षिका बन गई, जिसकी भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.

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सबसे हैरानी की बात तो यह रही कि मदन सिंह और छगन सिंह के परिवार वालों को उनकी दुर्घटना बीमा राशि भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद मिल चुकी है.

कैसे मिला फर्जीवाड़े का सुराग

जानकारी के अनुसार, इन दोनों बहनों के किसी जानने वाले ने शिक्षा विभाग को इनके जरिए नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किए गए फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायत की थी. जिसके बाद जब मामला जिला शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में आया तो दोनों बहनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई.

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 वेटिंग में रहे अभ्यर्थियों को मिल सकता है मौका

मिली जानकारी के अनुसार अगर दोनों शिक्षिकाओं रेखा और संतोष पर लगे आरोप सिद्ध पाए जाते हैं तो राज्य सरकार की ओर से दोनों की सेवा समाप्त की जा सकती है. वहीं, 2022 और 2016-17 माध्यमिक शिक्षक भर्ती में प्रतीक्षा सूची में शामिल एक-एक अभ्यर्थी को कानून के मुताबिक नौकरी मिलने की संभावना है.

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