श्रीमद्भगवद्गीता-नाट्यशास्त्र UNESCO के मेमोरी ऑफ वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल, PM मोदी बोले- 'ये गर्व का क्षण'

World Heritage Day 2025: इसके साथ ही, अब हमारे देश के 14 अभिलेख इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया है.

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पीएम मोदी ने इसे भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया है.

Rajasthan News: श्रीमद्भगवद गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियां को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल कर लिया है. इसके साथ ही, अब हमारे देश के 14 अभिलेख इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया है. उन्होंने शुक्रवार को एक्स पर लिखा, 'यह फैसला हमारी शाश्वत बुद्धिमत्ता और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है. गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है. उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करती रहती है.'

'भारत के विश्व दृष्टिकोण को आकार दिया'

वहीं केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने एक्स पर इसे भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया है. उन्होंने लिखा, 'यह वैश्विक सम्मान भारत के शाश्वत ज्ञान और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है. ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं. वे दार्शनिक और सौंदर्यवादी आधार हैं जिन्होंने भारत के विश्व दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्त करने के तरीके को आकार दिया है.'

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मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में 74 नई एंट्रीज

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में कुल 74 नई एंट्रीज की हैं, जिससे कुल अभिलेखित संग्रहों की संख्या 570 हो गई. यूनेस्को के डीजी ऑड्रे अजोले ने कहा, 'दस्तावेजी विरासत दुनिया की स्मृति का एक आवश्यक लेकिन नाजुक तत्व है. यही कारण है कि यूनेस्को इनकी सुरक्षा में निवेश करता है, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करता है, तथा मानव इतिहास के व्यापकतम पहलुओं को दर्ज करने वाले रजिस्टर का रखरखाव करता है.'

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