Rajasthan: भजनलाल सरकार में किसानों की बल्ले- बल्ले, डेयरी सेक्टर का मुनाफा हुआ 10 हजार करोड़ रुपये

Rajasthan news: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है. राज्य में दुग्ध उत्पादन और पशु आहार का वार्षिक कारोबार 8 हज़ार करोड़ रुपये से बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
Canva AI

CM Bhajan Sharma News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है. राज्य में दुग्ध उत्पादन और पशु आहार का वार्षिक कारोबार 8 हज़ार करोड़ रुपये से बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो गया है. इस वृद्धि को किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

वार्षिक मुनाफे में 46 प्रतिशत की ऐतिहासिक बढ़ोतरी

राज्य की डेयरियों के मुनाफे में पिछले साल के मुकाबले 46 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह बढ़ोतरी पिछले 47 सालों में सबसे ज़्यादा है. 24 में से 15 दुग्ध संघ, जो पहले घाटे में चल रहे थे, अब मुनाफे में हैं. राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विश्वास और किसानों की भागीदारी का नतीजा है.

दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता बढ़कर हुई 52 लाख लीटर प्रतिदिन

राज्य की डेयरी प्रसंस्करण क्षमता में भी लगातार विस्तार हो रहा है. पिछले वर्ष 48 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता अब बढ़कर 52 लाख लीटर प्रतिदिन हो गई है. सरकार का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इसे 65 लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का है. इससे प्रदेश की दुग्ध उत्पादन, संग्रहण और वितरण प्रणाली और सशक्त होगी.

एक हजार नई डेयरी सहकारी समितियां बनीं

पिछले एक वर्ष में राज्य में 1,000 नई डेयरी सहकारी समितियों का गठन किया गया है. साथ ही 2,000 संकलन केंद्र स्थापित किए गए हैं और 1 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को सहकारी नेटवर्क से जोड़ा गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और किसानों की आमदनी में स्थिरता आई है.

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10 हजार फ्लोटैक्सी बायो-गैस प्लांट से स्वच्छ ऊर्जा

पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार ने ग्रामीण किसानों के घरों पर 10 हजार फ्लोटैक्सी बायो-गैस प्लांट लगाने की योजना शुरू की है. अब तक करीब 2,500 प्लांट लगाए जा चुके हैं. इससे पशुपालकों को स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ ईंधन पर खर्च में कमी का लाभ मिल रहा है.

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