Bhajanlal Cabinet Meeting Decision: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को सीएमओ में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. इस दौरान कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. इसके अलावा राजस्थान यूथ पॉलिसी पर भी चर्चा की गई. लॉजिस्टिक हब बनाने भी बातचीत हुई है. विधानसभा बजट सत्र को लेकर भी सभी मंत्रियों को निर्देश दिए गए. कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल और कन्हैया लाल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी दी.
टैक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी को मंजूरी
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अधीनयमों में संशोधन कर कुलपति पदनाम को कुलगुरु और प्रतिकुलपति पदनाम को भी प्रति कुलगुरु के रूप में प्रतिस्थापित किए जाने का मंत्रिमण्डल द्वारा निर्णय लिया गया है. अधिनियमों के अंग्रेजी पाठ में प्रयुक्त पदनाम वाइस-चांसलर और प्रो वाइस-चांसलर को वैसे ही रखा जाएगा. रीको को हस्तान्तरित औद्योगिक क्षेत्रों के भू-रूपान्तरण और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए दि राजस्थान लैण्ड रेवेन्यू (अमेण्डमेंट वैलिडेशन) बिल-2025 लाया जाएगा. इसके प्रारूप का कैबिनेट ने मंजूरी दी.
सरकार वस्त्र व परिधान के क्षेत्र में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए कैबिनेट बैठक में राजस्थान टैक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी गई है. यह टैक्सटाइल एण्ड अपैरल क्षेत्र के सतत् व समग्र विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में रोजगार सृजन, कौशल विकास, नवाचार, उत्पादकता और निर्यात को बढ़ावा देगी.
कैबिनेट बैठक में इन पर लगी मुहर
- राजस्थान डेटा पॉलिसी को लागू किया गया
- लॉजिस्ट्क और राजस्थान युवा नीति पर भी कैबिनेट मुहर
- राजस्थान टेक्सटाइल पॉलिसी को कैबिनेट में मिली मंज़ूरी
- 100 करोड़ का पहले 3 डेटा सेंटर को अतिरिक्त छूट दी जाएगी
- यूनिवर्सिटी में चांसलर होंगे कुलगुरु और वाइस चांसलर होंगे प्रति कुलगुरु
- 100 करोड रुपए से ज्यादा निवेश करने वाले पहले तीन डाटा सेंटर को स्टांप ड्यूटी
- भूमि रूपांतरण और बिजली शुल्क में पूरी छूट मिलेगी
- ग्रीन रिवॉल्यूशन के रूप में इन डाटा सेंटर को मजबूती मिलेगी
क्या है राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी
कैबिनेट बैठक में राजस्थान में निजी क्षेत्र में डेटा सेंटर्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी- 2025 को कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान की गई. इसका उद्देश्य राजस्थान में विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम विकसित करना है. इस नीति में डेटा सेंटर सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, सनराइज इंसेंटिव, ब्याज अनुदान, बैंकिंग, ट्रांसमिशन व व्हीलिंग शुल्क में छूट, भूमि संबंधी फ्लेक्सिबल भुगतान सुविधा, स्टांप ड्यूटी, भू-रूपांतरण व विद्युत शुल्क में छूट और बाह्य विकास शुल्क से छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं.
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