जयपुर सुसाइड के 12 घंटे बाद बड़ा फैसला, भजनलाल सरकार ने बढ़ाया हाई कोर्ट संविदाकर्मियों का मानदेय

जयपुर स्थित हाई कोर्ट बेंच की बिल्डिंग के बी विंग में शुक्रवार दोपहर संविदाकर्मी मनीश सैनी ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसे बीते 5 महीने से मानदेय नहीं मिल रहा था. कम सैलरी के कारण परेशान होकर उसने सुसाइड किया था.

Advertisement
Read Time: 2 mins

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार सुबह हाई कोर्ट संविदाकर्मियों का मानदेय (Contract Workers Honorarium) बढ़ाने का ऐलान कर दिया. नए आदेश के अनुसार, अब स्टेनो संविदाकर्मी को 6900 रुपये की जगह 17 हजार रुपये मिला करेंगे. इसी तरह जूनियर क्लर्क संविदाकर्मी को 5600 रुपये की जगह अब 14 हजार रुपये मिला करेंगे. वहीं बुक लिफ्टर संविदाकर्मी को 4400 की जगह 11 हजार रुपये मानदेय मिला करेगा. नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू माने जाएंगे.

हाई कोर्ट में सुसाइड के 12 घंटे बाद फैसला

राज्य सरकार ने यह फैसला राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच (Rajasthan High Court, Jaipur) बिल्डिंग में संविदाकर्मी मनीष सैनी का सुसाइड केस (Manish Saini Suicide Case) सामने आने के 12 घंटे बाद लिया. वह बांदीकुई का रहने वाला था. जब इस घटना की जानकारी उसके परिजनों को मिली तो वे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना देने पहुंच गए. करीब साढ़े 11 घंटे बाद प्रशासन और परिजनों की 3 बिंदुओं पर सहमति बनी. इसमें पीड़ित परिवार को सहायता राशि के तौर पर कुल 11 लाख रुपये देने और मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी देना मंजूर हुआ था. इसी के तहत अब आदेश जारी किया गया है.

Advertisement

पीड़ित परिवार को मिला अशोक गहलोत का समर्थन

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, 'राजस्थान हाई कोर्ट में संविदाकर्मी मनीष सैनी का सुसाइड करना बेहद दुखद है. मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं. मनीष एक कम सैलरी पाने वाले कॉन्ट्रैक्ट वर्कर थे. राज्य सरकार को पीड़ित परिजनों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए. हमारी सरकार के समय करीब 1 लाख 10 हजार संविदाकर्मियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रेक्चुल सर्विस रूल्स बनाए थे एवं स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की थी. वर्तमान सरकार को बिना देरी उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर सभी संविदाकर्मियों को रेगुलर कर उचित वेतनमान देना चाहिए.'

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 1 महीने में RAS अधिकारियों का 3 बार ट्रांसफर, डोटासरा ने पूछा- क्या ऐसे आएगी गुड गवर्नेंस?