Rajasthan News: चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नंबर वन बनाने के लिए भजनलाल सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में, राज्य सरकार ने यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन(MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है.
वैश्विक मानकों से जुड़ेगी चिकित्सा शिक्षा
इस एमओयू के तहत, राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा को वैश्विक मानकों से जोड़ा जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी. इस समझौता ज्ञापन में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शैक्षिक कार्यक्रमों के सह-विकास, शेयर्ड टीचिंग मेथड और संयुक्त कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया गया है. इसके जरिए राज्य के चिकित्सा पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में बढ़ावा देगी.
एनसीडी की रोकथाम में मिलेगा सहयोग
इस एमओयू का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है गैर-संचारी रोगों (NCDs) की रोकथाम और नियंत्रण में सहयोग करना. इस समझौते के जरिए दोनों पक्षों के बीच इस विषय में रिचर्स को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं और बेहतर बनेगी. जो वैश्विक मानकों पर मजबूती बना सकेगी.
आभा आईडी से डिजिटल होगा स्वास्थ्य रिकॉर्ड
इस MOU को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य में चिकित्सा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है, इसी क्रम में, इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (आईएचएमएस) में आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है. इस कदम से हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेगा और मोबाइल पर आसानी से उपलब्ध होगा, जिससे इलाज में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी.
आभा आईडी में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राजस्थान में 6.37 करोड़ से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश इस पहल में देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है.
यह भी पढ़ें; Rajasthan: बुलेट बाबा की 37वीं बरसी पर अनूठा नजारा, फूलों से सजी बाइक की परिक्रमा कर भक्तों ने मांगी मन्नतें