Bhartpur News: 21वीं सदी के दौर में जहां हम चांद और मंगल ग्रह तक पहुंच गए हैं, वहीं देश में आज भी कुछ ऐसे गांव हैं जो आजादी के बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. भरतपुर शहर से सटे अजान गांव में लोग कई सालों से पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. आलम यह है कि लोग आज भी पीने का पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे है.
मीठे पानी पैसे से खरीद कर पी रहे हैं लोग
गांव में जलदाय विभाग की ओर से 15 साल पहले एक टंकी का निर्माण कराया गया था, लेकिन उसमें अभी तक पानी नहीं भरा गया है. इस बारे में कई बार जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है. गांव की महिला नथिया ने बताया कि वह 52 साल से गांव में रह रही है, लेकिन गांव में अभी तक मीठे पानी की व्यवस्था नहीं हुई है. पहले लोग कुएं से पानी लाकर प्यास बुझाते थे. लेकिन अब वह भी सूख चुके हैं. गांव के लोगों ने 20 से 25 हजार रुपए खर्च कर बोरिंग कराई, लेकिन उसमें भी खारा पानी आ रहा है. जिला प्रशासन और जलदाय विभाग ने गांव में मीठे पानी की व्यवस्था नहीं की है. लोग पैसे से पानी खरीदकर पी रहे हैं.
बिजली के तार कम पाइपलाइनों का जाल ज्यादा
जगदीश नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि जलदाय विभाग ने 15 साल पहले एक टंकी बनाई थी, लेकिन उसमें भी अब तक पानी नहीं आया है। गांव वालों ने तालाब और झील के किनारे बोरिंग करवा रखी है, जिसमें भी खारा पानी है. वे पेड़ों और बिजली के खंभों के सहारे पाइप बिछाकर घरेलू कामों में इस्तेमाल कर रहे हैं. गांव में बिजली के तार कम और पाइपलाइनों का जाल ज्यादा है.
जल्द समाधान नहीं
हालांकि, पानी की समस्या के समाधान के लिए मंत्री, सांसद, विधायक सहित जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है.