Child dies in Bharatpur hospital: भरतपुर के नदबई जिला चिकित्सालय में लापरवाही का मामला सामने आया है. 4 साल के बालक की मौत के मामले में परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर आरोप लगाए. परिजनों का कहना है कि गंभीर हालत होने के बावजूद चिकित्सकों ने उपचार नहीं किया और बच्चे ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने चिकित्सालय में जमकर हंगामा किया और बालक के शव को लेकर धरने पर बैठ गए. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बालक को गंभीर स्थिति में रेफर किया गया था, लेकिन 108 एंबुलेंस के इंतजार में बालक की मौत हो गई. मृतक बच्चे के परिजन मनोज ने बताया कि बच्चे को बुखार था. उसे लेकर सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर बच्चे को नदबई अस्पताल लेकर पहुंचे थे. नर्सिंग स्टाफ ने उसका इलाज शुरू किया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने डॉक्टर को फोन किया. जानकारी देने के बावजूद डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे. काफी देर बाद चिकित्सक ने आकर बच्चे को दूर से देखकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
एंबुलेंस में बिगड़ी बच्चे की तबीयत
परिजनों का आरोप है कि रेफर के बाद बच्चे को एंबुलेंस में लेकर बैठे तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. चिकित्सक को एंबुलेंस के पास बुलाया, लेकिन चिकित्सक नहीं आए." इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया.
एक घंटे देरी से पहुंची एंबुलेंस और बिगड़ी तबीयत
डॉ रामनिवास मीणा ने इस मामले में हॉस्पिटल का पक्ष रखा. उन्होंने कहा, "नदबई उपखंड के गांव झारकई निवासी तेजस को अस्पताल में भर्ती किया गया था. डॉक्टर भागचंद मीणा ने बच्चे को देखकर इलाज किया. बच्चे की गंभीर हालत होने के चलते उसे जिला अस्पताल रेफर किया. एम्बुलेंस करीब एक घंटे देरी से पहुंची, जिससे बच्चे की मौत हो गई."
थाना प्रभारी मौके पर, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
परिजनों के हंगामे की जानकारी के बाद नदबई थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों ने से समझाइश भी की. लेकिन परिजनों की मांग है कि इलाज में लापरवाही करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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