भरतपुर: सुजान गंगा नहर का दूषित पानी मछलियों के लिए बना जानलेवा, हर साल कई क्विंटल मछलियों की मौत

सुजान गंगा नहर से करीब 5 से 6 क्विंटल मछलियों को बाहर निकलवाकर दफनाया गया है. यह पहली बार नहीं है. बल्कि प्रतिवर्ष ऐसा ही मामला सामने आता है.

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Rajasthan News: भरतपुर की जीवनदायिनी कहे जाने वाली सुजान गंगा नगर में ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियों की मौत हो रही है. जिससे निकालने का काम किया जा रहा है. यह पहली बार नहीं है. बल्कि प्रतिवर्ष ऐसा ही मामला सामने आता है. सुजान गंगा नहर में मछलियों की मौत का मुख्य कारण दूषित पानी है, जिससे पानी में घुली हुई ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जो मछलियों के लिए जानलेवा है. सर्दियों में पानी की ऊपरी परत जमने से भी ऑक्सीजन अंदर नहीं जा पाती. इसके अलावा, नहर में जमी गंदगी भी मुख्य वजह है.

ऑक्सीजन की कमी से मछलियों की मौत

नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार बिश्नोई ने कहा कि मछलियों के मृत होनी कि जानकारी मिली थी. मृत मछलियों को बाहर निकालने का ठेका दे रखा है. मछलियों के मरने का कारण ऑक्सीजन की कमी है. आगे मछलियां नहीं मरे, इसके लिए ऑक्सीजन के साधन लगाए जायेंगे. फव्वारे भी नहीं चल पा रहे, बीडीए से बात कर 8 से 10 घंटे चलवाएंगे. जिससे मछलियों को ऑक्सीजन मिल सके.

5 से 6 क्विंटल मछलियों को दफनाया

साबिर खान ने बताया कि मृत मछलियों का निकालने का ठेका भतीजे सोनू कुरैशी के नाम से है. इन्होंने बताया कि सुजान गंगा नहर में कचरा जमा है. जिससे पानी दूषित होने से मछलियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. जिससे उनकी मौत हो रही है. सुजान गंगा नहर से करीब 5 से 6 क्विंटल मछलियों को बाहर निकलवाकर दफनाया गया है. उन्होंने मांग की है कि दूषित पानी को बाहर निकलवाकर शुद्ध पानी भरा जाए और जो इसमें फव्वारे लगे हुए है उन्हें चलवाया जाए.

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