Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर बृज में उमड़ी भक्तों की भीड़, गिरिराजजी की परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालु

बृज क्षेत्र में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और फिर लोग इकट्ठे होकर उसकी पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन छप्पन प्रकार की सब्जियों द्वारा निर्मित अन्नकूट और दही-बेसन की कढ़ी द्वारा गोवर्धन का पूजन एवं भोग लगाया जाता है.

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Bharatpur News: दीपावली के दूसरे दिन 2 नवंबर को गोवर्धन पूजन के मौके पर भरतपुर (Bharatpur News) में पर्व की धूम मची है. गोवर्धन पूजा के लिए घर-घर में गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है. बृज क्षेत्र में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और फिर लोग इकट्ठे होकर उसकी पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन छप्पन प्रकार की सब्जियों द्वारा निर्मित अन्नकूट और दही-बेसन की कढ़ी द्वारा गोवर्धन का पूजन एवं भोग लगाया जाता है.

भक्त करते हैं 7 कोस यानी 21 किमी की परिक्रमा

गोवर्धन, जिन्हें गिरिराज जी भी कहते हैं. इनकी परिक्रमा 7 कोस या 21 किमी की है. गिरिराज महाराज की 21 किमी में से डेढ़ किमी परिक्रमा राजस्थान के डीग जिले के पूछरी गांव में पड़ती है. गोवर्धन पूजा के मौके पर गिरिराजजी के दर्शन और परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है. श्रद्धालु गिरिराज महाराज, कान्हा और राधा और राधा के जयकारे लगाते हुए 21 किमी की यात्रा पूरी कर गिरिराज जी की परिक्रमा पूर्ण करते हैं. भक्त इस परिक्रमा को कई तरीके से करते हैं. कभी पैदल चलकर, दुग्ध कलश के साथ चल कर तो कभी नली से बेहद धीमे दुग्ध प्रवाह के साथ और दंडवत परिक्रमा बहुत कठिन होती है. 

इन प्रमुख स्थलों से गुजरते हुए दंडवत परिक्रमा करते हैं भक्त

भक्तगण पूरी परिक्रमा के दौरान पूर्ण दंडवत हो कर चलते हैं. गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा श्रद्धालुओं के सभी मनोकामना पूर्ण होती है. गोवर्धन पर्वत को योगेश्वर भगवान कृष्ण का साक्षात स्वरूप माना गया है. मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, गोविन्दकुंड, पूंछरी का लौठा, श्रीनाथजी, मुकुट मुखारविंद, दाऊजी महराज, जतिपुरा राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा और दानघाटी आदि है.

वहीं, सीएम भजनलाल शर्मा भी एक दिवसीय डीग जिले के गांव पूंछरी के दौरे पर हैं. वह इस दौरान गिरिराजजी के दर्शन करेंगे. गिरिराजजी परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीनाथजी और मुकुट मुखारविंद के साथ पूछरी का लौठा मंदिर के दर्शन करेंगे. मंदिर में आयोजित अन्नकूट महोत्सव में भाग लेंगे.  

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