पानी के लिए प्रशासन से भिड़ गई निर्दलीय विधायक, मना करने के बावजूद खोला गंभीर नदी का बांध

गंभीर नदी के पानी के डायवर्जन को लेकर बयाना विधायक और उनके पति की दबंगई सामने आई है. जिला प्रशासन के मना करने के बावजूद उन्होंने खुद ही गेट खोल दिया. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पर पानी की कमी से संकट गहरा गया है.  

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विधायक ने खोला बांध का गेट

Rajasthan News: गंभीर नदी के पानी के डायवर्जन को लेकर बयाना विधायक और उनके पति की दबंगई सामने आई है. इसी दौरान बयाना विधायक पति और एडिशनल एसपी के बीच नोक झोंक देखी गई. प्रशासन के मना करने के बावजूद भी विधायक और विधायक पति के द्वारा सेवला बरैठा हैड के गेट खोलकर रूपबास की ओर पानी की निकासी की गई. जबकि प्रशासन के द्वारा पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पानी पहुंचाने की प्राथमिकता थी.

जानकारी के मुताबिक पांचना बंध के गेट खोले जाने के चलते गंभीर नदी में लंबे समय के बाद पानी पहुंचा है. गंभीर नदी में सोमवार के दिन पानी सेवला बरैठा पहुंचा. लेकिन प्रशासन चाहता है कि यह अपनी अजान बांध के सहयोग से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचे. लेकिन इसी दौरान बयाना रूपवास विधायक रितु बनावत अपने पति ऋषि बंसल के साथ से सेवला बरैठा हेड पहुंच जाती हैं.

विधायक ने की कलेक्टर से बातचीत

रितु बनावत जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव से फोन पर बातचीत करते हुए विधानसभा क्षेत्र के गांव रूपवास की ओर पानी की निकासी की मांग करती हैं. लेकिन जिला कलेक्टर द्वारा यही कहा जाता है कि पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निर्देश हैं, उसके बाद देखा जाएगा. लेकिन विधायक के द्वारा कहा गया कि हम किसी से बंधे नहीं है, हम जनता के हैं, जनता जैसा चाहेगी हम वैसा करेंगे.

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विधायक ने खोला पानी का गेट

इसी बीच एडिशनल एसपी राम कल्याण मीणा विधायक ऋतु बनावत के पति से बातचीत कर रहे थे. लेकिन विधायक पति जबरदस्ती तानाशाही रवैया से गेट खोलने की कहते है. इस दौरान दोनों के बीच नोक झोंक हो जाती है. एडिशनल एसपी और विधायक पति को पुलिसकर्मियों द्वारा अलग किया जाता है. लेकिन जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधिकारियों के मना करने के बाद भी विधायक पति और विधायक रितु बनावत सेवला बरैठा हैड के रूपवास की ओर पानी की निकासी के लिए गेटों को खोल दिया गया.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पर गहराया संकट 

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों का स्वर्ग है यहां 350 से अधिक देसी विदेशी पक्षी निवास करते हैं. लेकिन पानी की कमी के चलते इस विश्व धरोहर पर संकट मंडराय हुआ है. जिला प्रशासन के द्वारा कई बार पांचना बांध से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए पानी की मांग की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई. मानसूनी बारिश के चलते पांचना बांध में पानी की क्षमता अधिक होने के चलते गेट खोल पानी की निकासी की गई है. गंभीर नदी के सहयोग से यह पानी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेगा.

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