भरतपुर में पहाड़ बचाने की लड़ाई, अनशन-सभाएं-रैली जब नहीं आए काम तो साधु संतों ने कर दिया बड़ा ऐलान

6 फरवरी और 20 अक्टूबर को गृह जिले भरतपुर में सीएम भजनलाल शर्मा ने जनसुनवाई की थी. इस दौरान साधु संतों ने कालिया पहाड़ को बचाने के उन्हें ज्ञापन सौंपा था. सीएम ने आश्वासन दिया था कि वे उनकी समस्या का समाधान करेंगे.

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कालिया बाबा पहाड़.

Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले में कालिया बाबा पहाड़ (Kalia Baba Pahad) को बचाने की लड़ाई चल रही है. भुसावर शहर में स्थित यह पहाड़ गोवर्धन पर्वत के छोटे भाई (Younger Brother of Govardhan Hill) के नाम से भी जाना जाता है. इसी कालिया पहाड़ की तलहटी में ही धनेरी गुफा (Dhaneri Cave) है, जिसको लेकर कई मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण जब मथुरापुरी छोड़कर द्वारिकापुरी जा रहे थे, तब वे इसी गुफा से होकर गए थे. ऐसा भी कहा जाता है कि राजा मुचुकुन्द ने कालयवन का वध भी इसी गुफा में किया था. इसीलिए धार्मिक महत्व वाले इस पहाड़ को बचाने के लिए साधु संत लामबंद हो गए हैं.

सरकार ने लीज पर दिया पहाड़, अवैध खनन का आरोप

बालमुकुंद दास महाराज ने बताया कि, 'काला पहाड़ गिर्राज महाराज पर्वत का छोटा भाई है. जिस तरह से गोवर्धन की परिक्रमा करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है, ठीक वैसे ही कालिया पहाड़ की परिक्रमा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है. इसकी परिक्रमा करीब 24 कोश की है. इस परिक्रमा मार्ग में करीब 60 से भी ज्यादा मंदिर हैं, जिन पर साधु संत रहकर भजन पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन सरकार की ओर से इस पहाड़ को लीज पर दे दिया गया है. इसके अलावा यहां अवैध खनन किया जा रहा है. खनन के दौरान उड़ने वाली धूल से ग्रामीण सिलिकोसिस के शिकार हो रहे हैं, जिसकी पुष्टी चिकित्सा अधिकारियों ने भी की है. खनन के लिए होने वाले विस्फोट से भी आसपास के कई मकानों में दरार आ गई हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.'

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मकान में आई दरार.
Photo Credit: NDTV Reporter

9 दिनों तक साधु-संतों ने किया था आमरण अनशन

साधु-संतों इस पर्वत को देवस्थान विभाग को सुपुर्द करना चाहते हैं, जिससे इस पर्वत का और महत्त्व बढ़ने के साथ देखभाल हो सके. इसीलिए वे आसपास रहने वाले ग्रामीणों के साथ मिलकर कालिया पहाड़ के आस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस संबंध में कई बार भरतपुर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. भरतपुर दौरे पर आए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर भी साधु-संत ज्ञापन सौंप चुके हैं. मगर, अभी तक न तो सरकार ने पहाड़ की लीज कैंसिल की है, और न ही अवैध खनन पर लगाम लग पाई है. इसी कारण साधु-संतों ने 9 दिनों तक आमरण अनशन भी किया था, जो उपखण्ड अधिकारी और विधायक से आश्वासन मिलने के बाद समाप्त हुआ था. लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. 

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कालिया बाबा पहाड़ बचाओ आंदोलन में ग्रामीणों को जोड़ते हुए साधु संत.
Photo Credit: NDTV Reporter

अब सीएम भजनलाल से मुलाकात करेंगे साधु-संत

अब साधु-संत ग्रामीणों के साथ मिलकर जगह-जगह कालिया पहाड़ को बचाने के लिए छोटी-छोटी सभाएं कर रहे हैं और 'पहाड़ बचाओ रैली' निकाल रहे हैं. बीते दिनों साधु संतों ने एक महासभा का भी आयोजन किया था, जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात करने और उन्हें समस्या से अवगत कराने के बारे में फैसला लिया गया है. 

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ग्रामीणों संग रैली निकाल रहे साधु संत.
Photo Credit: NDTV Reporter

'मन में एक ही ख्याल- सुबह की किरण देख पाएंगे या नहीं'

NDTV राजस्थान ने मौके पर जाकर पहाड़ के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की. इस दौरान राहुल नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि, 'मेरा गांव अलीपुर है. कालिया पहाड़ मात्र तीन किलो मीटर दूरी पर है. यहां खनन माफियाओं द्वारा विस्फोट किए जाने से मकानों में दरारें आ गई है. जब सोते है तो मन में एक ही ख्याल आता है कि सुबह की किरण देख पाएंगे या नहीं. सरकार से यही मांग है कि खनन कार्य को बंद कराना चाहिए और जिससे कालिया पहाड़ का इतिहास बना रहे.'