Bhilwara-Chittorgarh Highway Accident: भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. अव्यवस्था के चलते लगातार हादसे हो रहे हैं. हालांकि सिर्फ इसी हाईवे पर नहीं, बल्कि जिले के आसपास 4 नेशनल हाईवे और 2 स्टेट हाईवे पर भी एक्सीडेंट बढ़ते जा रहे हैं. महज 2 साल के भीतर ही भीलवाड़ा में हुए 1813 हादसे दर्ज किए जा चुके हैं. इसमें 639 लोगों ने जान गंवाई है. इसे रोकने के लिए 10 विभाग मिलकर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह कवायद फिलहाल तो कारगर नहीं हुई है. अक्सर ही लोग सड़क हादस का शिकार हो रहे हैं.
10 विभागों की टीम मिलकर ढूंढ रही हैं ब्लैक स्पॉट
जिले से होकर गुजर रहे 4 नेशनल हाईवे और 2 स्टेट हाईवे पर ब्लैक स्पॉट के चलते यह दुर्घटनाएं हो रही है. भीलवाड़ा में हाईवे पर 14 ब्लैक स्पॉट हैं. सड़क सुरक्षा के लिए गठित 10 विभागों की स्पेशल टीम की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं. परिवहन विभाग, पुलिस और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने यह ब्लैक स्पॉट खोजे हैं.
साल-दर-साल ब्लैक स्पॉट से बढ़ रही दुर्घटनाएं
सर्वे के मुताबिक, साल 2021 में जिले में 9 ब्लैक स्पॉट चिन्हित थे. यह संख्या 2024 बढ़कर 14 तक पहुंच गई. बीते 2 साल में हुई दुर्घटनाओं के विश्लेषण में सामने आया कि इन 11 स्थानों पर 131 गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 93 व्यक्तियों की मौत हुईं. सबसे ज्यादा 18 मौतें चितौड़गढ़ हाईवे पर गुवारड़ी नाले के पास हुई.
पिछले साल 277 लोगों पर कहर बनकर टूटी रफ्तार
भीलवाड़ा जिले की सीमा में हुए हादसों के आंकड़े बताते हैं कि 2023 में 908 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 392 लोगों की अकाल मौत हुई. वहीं, साल 2024 में 905 दुर्घटना में 277 लोगों पर रफ्तार कहर बन कर टूटी.
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