बिना संसाधन के रेस्क्यू करने आई वन विभाग के सामने ग्रामीणों ने पकड़ा पैंथर, मौत के बाद 3 ग्रामीण किये गए गिरफ्तार

ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारीयो ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए नौजवान युवाओं को फंसा दिया. जबकि रेस्क्यू के लिए एक वन कर्मी यहां पहुंचा था.

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Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया थाना क्षेत्र में रेस्क्यू के दौरान पेंथर की मौत के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पैंथर की विवादास्पद मौत के बाद वन विभाग में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. वहीं मामले की प्रारंभिक जांच के बाद तीन ग्रामीणों को जिम्मेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया. गौरतलब है कि बीते 24 अप्रैल को कांस्या गांव में रिहायसी इलाके में पेंथर घुस आया. पैंथर का रेस्क्यू वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से किया था. 

ग्रामीणों को फंसाने का आरोप

बिना ट्रॅकुलाइजर और बिना संसाधन की मौके पर पहुंची वन विभाग के सामने ग्रामीणों ने पैंथर के पांव कपड़े से बांध दिए थे. वहीं रेस्क्यू के कुछ ही देर में पैंथर की मौत हो गई थी. पैंथर की मौत और हुई घटना को लेकर वन विभाग ने अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है. आरोपियों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत पैंथर के साथ दुर्वव्यवहार करने, मारपीट करने, छेड़खानी करने से पैंथर की मौत हो जाने पर हिरासत में लिया है. वहीं अन्य संदिग्ध लोगों की भी तलाश जारी है. उधर ग्रामीणो का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों ने अपनी लापरवाही व नाकामी छिपाने के लिए ग्रामीणों को फंसाया है.

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जांच के लिए SIT का गठन

उपवन सरंक्षक गौरव गर्ग के निर्देशन में सहायक वनरक्षक मांडलगढ़ पुष्पेंद्र सिंह राणावत ने पांच सदस्य अनुसंधान दल एसआईटी का गठन किया गया है . जिस पर अनुसंधान दल ने कांस्या पेंथर मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. जहां से न्यायालय ने आज तीनों आरोपियों न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया. मामले में कांस्या निवासी मेंबर पिता गोमा बंजारा उम्र 21 वर्ष, दीपू पिता मनोज हरिजन उम्र 19 वर्ष, भानु राम उर्फ नानू पिता गोरी लाल बंजारा उम्र 19 वर्ष को न्यायिक अभिरक्षा हेतु जेल भेज दिया है.

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वन विभाग छिपा रही है नाकामी

मामले को लेकर आरोपियों के परिजन और ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारीयो ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए नौजवान युवाओं को फंसा दिया और मौक़ा पर्चा बनाने के नाम पर बीती रात को हिरासत में ले लिया. जबकि पैंथर के रेस्क्यू के दौरान वन विभाग ने सिर्फ़ एक कर्मी वनपाल प्रकाश शर्मा को मौके पर भेजा और बिना ट्रेकुलाइज किए ही रेस्क्यू शुरू किया. ग्रामीणों में जब इसे ज़िंदा सौपा तो मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मोजूद थे.

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