Rajasthan Police: भिवाड़ी SP की जासूसी करने के 5 आरोपी सिपाही को राहत, SI चार्जशीट

Rajasthan Police: बहाल किए गए सभी पुलिसकर्मियों को भिवाड़ी जिले के अलावा अन्य जिलों में तैनाती दी है. अलवर के भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक (SP) ज्येष्ठा मैत्री की लोकेशन ट्रेस करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. 

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भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्री की लोकेशन ट्रैस करने के आरोपी पांच सिपाही बहाल.

Rajasthan Police: अलवर भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक (SP) ज्येष्ठा मैत्री की जासूसी मामले में सस्पेंड 5 पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया गया है.  एक पुलिसकर्मी को पहले ही बहाल कर दिया गया था. इस मामले में अब तक 6 पुलिसकर्मियों को बहाल किया जा चुका है. जबकि, साइबर सेल के इंचार्ज श्रवण जोशी अभी भी निलंबित हैं. बहाल किए गए पुलिसकर्मियों में हेड कांस्टेबल अवनीश कुमार, कांस्टेबल राहुल, सतीश, दीपक और  रोहतास शामिल हैं. इस संबंध में जयपुर आईजी ने 17 सीसीए को नोटिस जारी किया है. आईजी ने एक कांस्टेबल को पहले ही बहाल कर दिया था.

सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी अभी तक निलंबित 

मुख्य आरोपी सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी अभी तक निलंबित हैं. इन सभी आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्री के अलावा आतंकी अड्डे चलाने और ज्वेलर्स हत्याकांड के मामले में भी जांच अधिकारियों की लोकेशन ट्रेस करने के भी आरोप लगे थे. इस मामले में जांच अधिकारी डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में सभी को दोषी पाया था. आईजी ने श्रवण जोशी के अलावा सभी को आरोपी नहीं माना और बहाल कर दिया. इन सभी आरोपियों को एसपी की मोबाइल ट्रेस करने के मामले में 4 अक्टूबर को निलंबित किया गया था. 

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SP की लोकेशन 15 से 20 बार हुई थी ट्रेस  

भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी (IPS Jyeshtha) की लोकेशन 15 से 20 बार ट्रेस की गई थी. आरोप है कि साइबर टीम (Cyber Cell) प्रभारी उप निरीक्षक श्रवण जोशी ने पुलिस अधीक्षक सहित कई थानाधिकारी के अलावा कई बड़े मामलों में जुटे प्रभारी निरीक्षक और उप निरीक्षकों की भी लोकेशन ली. जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों में यह भी लिखा है कि इस तरह लगातार लोकेशन लेने के पीछे अपराधियों से सांठगांठ से भी इनकार नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से लगातार ही पुलिसकर्मियों की लोकेशन ली जा रही थी. 

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कमलेश ज्वेलर्स हत्याकांड की जांच कर रही टीम पर भी रखी निगरानी

रिपोर्ट के अनुसार, 21 सितंबर की रात 10 बजे लोकेशन निकाली गई.  22 सितंबर को दोपहर 12.58 बजे नंबर ट्रेस किया और वापस 2 मिनट बाद ही दुबारा 1 बजे लोकेशन ली गई. इसके बाद 28 सितंबर रात 9 बजे भी लोकेशन ली गई. बहुचर्चित कमलेश ज्वेलर्स हत्याकांड खुलासे में जुटी टीम में लगे तिजारा थानाधिकारी हनुमान यादव, टपूकड़ा एसएचओ भगवान सहाय, डीएसटी इंचार्ज प्रकाशसिंह, सब इंस्पेक्टर दारासिंह मीणा और सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार की भी जासूसी की गई. इन अधिकारियों की अलग-अलग लोकेशन की जानकारी इकट्ठा की गई. चौकाने वाली बात यह है कि अलकायदा समर्थित आतंकियों को दिल्ली पुलिस ने जब पकड़ा, तो मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी देवेंद्र शर्मा पर भी निगरानी रखी गई. 

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7 पुलिसकर्मी हुए थे सस्पेंड

पूरा मामला 7 अक्टूबर को एसपी की जानकारी में आया, जिसके बाद साइबर टीम के उपनिरीक्षक समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. भिवाड़ी साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कॉन्स्टेबल अवनेश कुमार, कॉन्स्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहतास को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई थी.

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