साइबर ठगी के आरोप में युवक को उठाया, हाथ-पैर तोड़कर छोड़ा, कोर्ट ने 7 पुलिसकर्मियों पर दर्ज कराई FIR

पीड़ित की पत्नी असमीना ने न्याय की गुहार लगाते हुए डीग एसपी राजेश कुमार मीणा और आईजी कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से मुलाकात की. लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद असमीना ने कोर्ट में गुहार लगाई.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
पुलिस की पिटाई में युवक के दोनों पैर टूटे.

Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले की गोपालगढ़ थाना पुलिस पर एक बड़ा आरोप लगा है, जिसमें थाना अधिकारी मनीष शर्मा सहित 7 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं. यह मामला एक युवक के साथ हुई मारपीट और उसके पैर तोड़ने से जुड़ा है, जिसे साइबर ठगी के शक में पुलिस ने उठाया था.

क्या है मामला?

गांव हेवतका निवासी पीड़ित असमीना ने बताया कि 11 अप्रैल को गोपालगढ़ पुलिस ने उसके पति तारीफ को साइबर ठगी के शक में उठाया था. पुलिस ने उसके घर में तोड़फोड़ की और उसके पति को जबरन मारपीट करते हुए घसीटकर ले गए. दूसरे दिन उसके पति के पैर तोड़कर गंभीर हालत में उसे छोड़ दिया गया. पीड़ित को इलाज के लिए सिकरी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर ले जाया गया.

आईजी से शिकायत

पीड़ित की पत्नी असमीना ने न्याय की गुहार लगाते हुए डीग एसपी राजेश कुमार मीणा और आईजी कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से मुलाकात की. लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद असमीना ने कोर्ट में गुहार लगाई.

कोर्ट के आदेश पर FIR

अब कामा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 ने इस मामले में मनीष शर्मा एसएचओ सहित 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच के आदेश दिए हैं. इन पुलिसकर्मियों में एसएचओ मनीष शर्मा, कांस्टेबल साहिल खान, कांस्टेबल रूपन कुमार, हेड कांस्टेबल विनोद, हेड कांस्टेबल हितेश, एएसआई राधाचरण सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- राजस्थान में पुजारी बनकर रह रहा था सीरियल किलर, सबूत मिटाने के लिए मगरमच्छ को खिलाता था लाशें

ये VIDEO भी देखें

Topics mentioned in this article