NDTV की रिपोर्ट के बाद बड़ा एक्शन, जैसलमेर में इंटरनेट से हटाए जाएंगे 250 रिसॉर्ट! जानें पूरा मामला

NDTV Ground Report on Sam Sand Dunes Camp: जैसलमेर के सम में धरातल पर लगभग 150 के करीब रिसॉर्ट्स बने हैं, जिनमें से कुछ लग्जरी, कुछ मीडियम तो कुछ बिल्कुल बजट टेंट्स हैं. लेकिन जब ऑनलाइन बुकिंग के लिए आप किसी भी साइड पर जाएंगे तो कुल मिलाकर 400 से अधिक टेंट लिस्टेड नजर आएंगे. यानी 250 के करीब टेंट केवल ठगी करने के लिए लिस्टेड हैं.

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Rajasthan News: जैसलमेर के सम सैंड ड्यून्स (Sam Sand Dunes Camp) में टूरिस्ट के साथ हो रही धोखाधड़ी को लेकर NDTV राजस्थान ने ग्राउंड जीरो पर रिपोर्ट की थी, जिस पर अब बड़ा एक्शन हुआ है. इस रिपोर्ट के जरिए हमने जनता को बताया था कि सम सैंड ड्यून्स में करीब 150 रिसॉर्ट ही धरातल पर मौजूद हैं, लेकिन ऑनलाइन बुकिंग साइड्स पर इनकी संख्या 400 के करीब पहुंच गई है. लगभग 220 से 250 कैम्प व रिसॉर्ट्स के फोटो यूज करके ऑनलाइन फर्जी बुकिंग अकाउंट बनाए गए हैं, जिनके चक्कर में टूरिस्ट ठगी का शिकार हो रहे हैं. NDTV राजस्थान की इसी एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट पर अब पर्यटन विभाग (Department of Tourism) ने बड़ा एक्शन लिया है.

'अब रिसॉर्ट्स का फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी'

पर्यटन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर कृष्ण कुमार पुनिया ने बताया कि, 'ऑनलाइन बुकिंग साइड्स पर बनाए गए फेक कैम्पस और रिसॉर्ट के बारे में पता चलते ही हमने इस गंभीरता से लिया और प्रत्येक टूरिज्म यूनिट के लिए हमने एक फिजिकल वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट मेंडेटरी कर दिया. अब जितने भी ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स हैं, उनसे हमने पत्र लिखकर कहा है कि वो किसी भी यूनिट का रजिस्ट्रेशन करते वक्त फिजिकल वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट मांगें. इस सर्टिफिकेट को पर्यटन विभाग द्वारा जारी किया जाएगा. फिजिकली अपने रिसॉर्ट का सत्यापन हर रिसॉर्ट को फॉर्म भर कर करवाना अनिवार्य होगा. वहीं जो पहले से रजिस्ट्रेड यूनिट हैं, उन्हे भी इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा. इसके लिए एक महीने की डेट लाइन भी तय की गई है. इस तारीख तक जिन-जिन रिसॉर्ट और कैंप का वेरिफकेशन प्रोसेस पूरा होगा, उन्हें छोड़कर अन्य सभी को ऑनलाइन इंटरनेट बुकिंग प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा.'

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पर्यटन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर कृष्ण कुमार पुनिया.
Photo Credit: NDTV Reporter

'अब जिला कलेक्टर भी सीरियस नजर आ रहे हैं'

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कैलाश व्यास ने इस मुद्दे पर्यटन विभाग के संज्ञान लेने पर NDTV राजस्थान का आभार जताते हुए कहा कि सबसे पहले मैं एनडीटीवी का धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया और आम पर्यटकों, जनता, पर्यटन विभाग व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया. इस मामले में हमें अपडेट मिली है कि पर्यटन विभाग अपने स्तर पर तमाम ऑनलाइन पोर्टल्स को लेटर लिख रहा है. ताकि जल्दी से जल्दी फेक कैंपस को हटाया जा सके. इस मामले को लेकर अब जिला कलेक्टर स्वयं सीरियस नजर आ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि ऑनलाइन तो फेक कैंपस रजिस्टर्ड हैं, वह जल्द से जा हटेंगे. वहीं ऑनलाइन साइट से भी हमें इनपुट मिल रहा है कि वो ही इस तरह के फ्रॉड्स को रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा, जिसके तहत फिजिकल वेरीफिकेशन के बाद ही प्रॉपर्टीज को लिस्टेड किया जाएगा. हमारी प्रशासन से गुहार है कि टूरिस्ट सीजन नजदीक है. अगर इस काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए तो पर्यटकों को राहत मिलेगी.

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वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कैलाश व्यास.
Photo Credit: NDTV Reporter

सम में हर साल 200 से 250 करोड़ का करोबार

15 अक्टूबर से लेकर 15 मार्च तक राजस्थान के जैसलमेर में पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है. यह जैसलमेर का पिक सीजन कहलाता है. खासकर इस बार नवंबर की शुरुआत में दीपावली है, जिसके चलते बड़ी तादात में टूरिस्ट के जैसलमेर आने की उम्मीद जताई जा रही है. 200-250 करोड़ का व्यापार सम के टूरिज्म से जैसलमेर को मिलता है, जिसको लेकर अब तमाम रिसॉर्ट, होटल्स, रेस्टोरेंट्स इत्यादि तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. NDTV के मुद्दा उठाने के बाद पर्यटन विभाग एक्शन में आया है, जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों कों राहत की उम्मीद जगी है.

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सम के रेगिस्तान में कैमल सफारी का आनंद लेते पर्यटक.
Photo Credit: NDTV Reporter

सम में 150 रिसॉर्ट, ऑनलाइन 400 लिस्टेड

जैसलमेर के सम में धरातल पर लगभग 150 के करीब रिसॉर्ट्स बने हैं, जिनमें से कुछ लग्जरी, कुछ मीडियम तो कुछ बिल्कुल बजट टेंट्स हैं. लेकिन जब ऑनलाइन बुकिंग के लिए आप किसी भी साइड पर जाएंगे तो कुल मिलाकर 400 से अधिक टेंट लिस्टेड नजर आएंगे. अब आप समझ ही गए होंगे कि 250 के करीब टेंट केवल ठगी करने के लिए लिस्टेड हैं. इसी कारण पर्यटकों के काफी हद तक ठगी के शिकार होने की संभावना बनी रहती है. ये ऑनलाइन ठगी भी इतनी सफाई से करते हैं कि पर्यटक समझ तक नहीं पाता. ठगी के इस तरीके का पर्दाफाश करने के लिए NDTV राजस्थान के संवाददाता श्रीकांत व्यास सितंबर के आखिरी हफ्ते में ग्राउंड जीरो पर गए और हर छोटी चीज को अपने कैमरे पर रिकॉर्ड कर लिया. सबसे पहले उन्होंने ऑनलाइन एक रिसॉर्ट की बुकिंग की. लेकिन एडवांस पेमेंट करने से पहले वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर फोन किया. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद श्रीकांत अपने कैमरामेन के साथ सम शहर पहुंच गए, जहां उन्होंने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों से इस बारे में बातचीत की, जिसमें इस प्रकार के कई केसों के बारे में उन्होंने जानकारी दी. लेकिन अब NDTV की खबर का बड़ा असर हुआ है और पर्यटन विभाग इस मामले पर संज्ञान लिया है.

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