Jawai Dam Water Dispute: राजस्थान के जालोर जिला मुख्यालय पर पिछले 9 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं. वहीं अब किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर उग्र हो गए हैं. यह प्रदर्शन जवाई बांध के पानी के बंटवारे को लेकर है, जिसका एक तिहाई हिस्सा और बीमा क्लेम की लंबित राशि को लेकर किसान मांग कर रहे हैं. किसानों ने अब विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया है और जालोर शहर को बंद कर दिया. वहीं इस विरोध प्रदर्शन में 300 गांव के किसान जुट गए हैं.
जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाईवे को किया गया बंद
किसानों ने बुधवार (27 नवंबर) की सुबह कलेक्ट्रेट का घेराव किया तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों तरफ से कई बार टकराव की स्थिति बनी. इस दौरान किसानों ने जालोर से निकलने वाले जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाईवे-325 का रास्ता बंद कर दिया और रोडवेज बसों को रोक दिया. किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने पड़ाव डाल रखा है और प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने भी बाजार बंद रखा है. वहीं दोपहर बाद तक जालोर से निकलने वाले रास्तों को नहीं खोला गया. ऐसे में आस-पास के गांवों से बसों और दूसरे वाहनों को निकाला जा रहा है.
प्रदर्शन में जुटे 300 गांव के हजारों किसान
जालोर में जवाई बांध की पानी को लेकर जालोर के लिए एक तिहाई हिस्सा तय करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा किसानों को समय पर बीमा क्लेम की राशि दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने 9 दिन पहले महापड़ाव शुरू किया था. अब इस प्रदर्शन में हजारों किसान जुट गए हैं. यहां 300 गांव के हजारों किसान प्रदर्शन करने के लिए पहुंच गए हैं. इस दौरान टायर जला कर जगह-जगह रास्ते को रोका जा रहा है.
प्रशासन ने नहीं की किसानों से 9 दिन से कोई बात
किसान पिछले 9 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से किसी ने भी किसानों से बात करने की कोशिश नहीं की. इसके बाद अब किसानों ने उग्र प्रदर्शन का फैसला कर लिया है. किसानों का कहना है कि जब तक अब सरकार से बातचीत नहीं होती है. तब तक किसान सड़क पर प्रदर्शन करेंगे.
वहीं अब किसानों के प्रदर्शन को देखकर यहां पुलिस बल को तैनात किया गया है. पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन कलेक्ट्रेट को घेरने की जित पर अड़े हैं. यहां अब बड़ी संख्या में यहां पुलिस जाब्ता तैनात कर बैरिकेड लगाए गए हैं.
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