सीकर और नीमकाथाना के लिए होगी अब आर-पार की लड़ाई, सरकार को मिली चेतावनी, 4 जनवरी को बंद का ऐलान

सीकर संभाग और नीमकाथान जिला को फिर से बहाल करने को लेकर भजनलाल सरकार को चेतावनी दी गई है. वहीं 4 जनवरी को सीकर बंद का ऐलान किया गया है.

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Sikar and Neem Ka Thana Protest: राजस्थान के भजनलाल सरकार ने प्रदेश के 3 संभाग और 9 जिलों को निरस्त कर दिया है जिसे अशोक गहलोत की सरकार में जिला घोषित किया गया था. वहीं इन 3 संभाग और 9 जिलों में सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला भी शामिल है जिसे निरस्त किया गया है. लेकिन सीकर और नीमाकाथाना को निरस्त करने के बाद से यहां खूब बवाल मचा हुआ है. सीकर और नीमकाथाना को जिला यथावत रखने की मांग हो रही है और इसके लिए आंदोलन भी शुरू हो चुका है. लेकिन अब इस पर आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया गया है.

सीकर संभाग और नीमकाथान जिला को फिर से बहाल करने को लेकर भजनलाल सरकार को चेतावनी दी गई है. वहीं 4 जनवरी को सीकर बंद का ऐलान किया गया है.

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डोटासरा से लेकर अमराराम और कस्वां करेंगे आंदोलन का नेतृत्व

इंडिया गठबंधन के बैनर तले गुरुवार (2 जनवरी) को सभा का आयोजन किया गया है. इसमें 4 जनवरी को सीकर बंद करने का आह्वान किया गया है. वहीं 7 जनवरी को सीकर जिले के उपखंड कार्यालय में ज्ञापन दिया जाएगा. इस जनआंदोलन को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंस सिंह डोटासरा, सीकर सांसद अमराराम, चूरू सांसद राहुल कस्वां और अभिभाषक संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में किया जाएगा. बैठक में सीकर संभाग व नीमकाथाना जिला संघर्ष समिति का भी गठन किया गया है.

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अमराराम ने सरकार को दी चेतावनी

सभा में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'राजनीतिक प्रतिशोध' में अंधा होकर जनता से बदला लेने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ शेखावाटी के जन-जन में आक्रोश है. वहीं सांसद अमराराम ने सीकर संभाग और नीमकाथान को खत्म करने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा,

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इस सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना को खत्म नहीं किया है. ये  शेखावाटी के सम्मान को ललकारने का काम किया है ,किसी के इंतजार की जरूरत नहीं है जब अन्याय हुआ है शेखावाटी के सम्मान को ललकारा गया है राजस्थान की सरकार के द्वारा इसलिए मैं समझता हूं ईंट का जवाब पत्थर से देने की जरूरत है.

बता दें, सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने तहसील, पंचायत और गांव ढाणी तक जन आंदोलन को ले जाने की सरकार को चेतावनी दी है. ऐसे में साफ है कि अब सीकर संभाग को बहाल करने के लिए आर-पार की लड़ाई शुरू होगी जिसमें इंडिया गठबंधन एक साथ सरकार के खिलाफ नजर आने वाली है.