बीकानेर जेल के बंदियों के बैंड पर नाचेंगे बाराती, 18 बंदियों की बैंड टीम तैयार 

Rajasthan: बीकानेर जेल प्रशासन ने 18 बंदियों को चुना है, जो संगीत प्रेमी और इंस्ट्रूमेंट बजाने का शौक रखते हैं. इन्हें ट्रेनिंग देकर बैंड टीम तैयार की जा रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan: बीकानेर जेल में संगीत प्रेमी और 5 प्रतिभाशाली 18 बंदियों की बैंड टीम तैयार की जा रही है. इस बैंड टीम का अपना आर्केस्ट्रा भी होगा. शादी विवाह और कार्यक्रमों में बैंड बजाएंगे. विश्वसनीय बंदियों को ही चुना गया है. सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों तरह के बंदी शामिल हैं. जेल का एक बंदी इन्हें ट्रेनिंग दे रहा है. 

पुलिस के बैंड मास्टर से दिलाई जाएगी ट्रेनिंग 

पुलिस के बैंड मास्टर से भी इन बंदियों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी, जिससे वो बैंड बजाने में परांगत हो सकें. बंदियों के बैंड की जल्द ही बुकिंग शुरू होगी. आम लोग 5600 रुपए में बुकिंग कर सकेंगे. 3 घंटे के लिए जेल के बंदियों का बैंड बुक कर सकेंगे, इसमें से 50% राशि जेल बंदियों के खाते में जाएगी. 50% राशि रखरखाव पर खर्च होगी. 

बंदियों का आर्केस्ट्रा भी होगा 

बंदियों का आर्केस्ट्रा भी होगा, इसके जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि  बजट की व्यवस्था करवाएंगे, इससे इंस्ट्रूमेंट खरीदे जाएंगे. जेलर सूरज सोनी, मुख्य प्रहरी गिरिराज प्रसाद मीणा और प्रहरी कमल वैष्णव की देखरेख में बंदियों का बैंड तैयार किया जा रहा है. 

बंदी शहनाई, तुरही और ड्रम बजाना सीख रहे 

बंदी शहनाई, तुरही, ड्रम, बास ड्रम, डफ, बिगुल, भोंपू, ताल और पतासा आदि इंस्टूमेंट बजाना सीख रहे हैं. बंदियों की बैंड टीम रात को भी जेल से बाहर शादी-ब्याह और अन्य समारोह में शिरकत करेंगे. विश्वसनीय बंदियों की टीम तैयार हो रही है, इनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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बंदी शहनाई, तुरही, ड्रम, बास ड्रम, डफ, बिगुल, भोंपू, ताल और पतासा आदि इंस्टूमेंट बजाना सीख रहे हैं. बंदियों की बैंड टीम रात को भी जेल से बाहर शादी-ब्याह और अन्य समारोह में शिरकत करेंगे. विश्वसनीय बंदियों की टीम तैयार हो रही है, इनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

बंदियों को संगीत थेरेपी मिलेगी 

अजमेर जेल में भी बंदियों का बैंड तैयार किया गया था, जिसे स्थापित करने के लिए बीकानेर जेल में नई एफआईसीसीआई नेशनल अवार्ड की शुरुआत की गई है. बैंड टीम तैयार करने से बंदियों को संगीत थेरेपी मिलेगी, जो उन्हें पॉजिटिव बनाएगी. बंदियों को रोजगार भी मिलेगा. बैंड बुकिंग से मिलने वाली 50% राशि बंदियों के खाते में जाएगी.