राजस्थान के युवा ट्रेनिंग सेंटर में सीखेंगे ड्रोन पायलटिंग का हुनर, किसानों के लिए भी खेती होगी आसान

Bikaner News: खेतों में कीटनाशक स्प्रे, सर्वे और फसल आंकलन तक ड्रोन की मदद ली जाएगी. इससे किसानों के लिए राह आसान होगी.

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फाइल फोटो.

Drone Training Center in Rajasthan: राजस्थान में कृषि का भविष्य अब और आधुनिक होने जा रहा है. बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में देश का एक बेहद एडवांस ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया जा रहा है. यहां युवा ड्रोन पायलटिंग और किसान सटीक खेती यानी प्रिसिजन फार्मिंग का नया मॉडल सीखेंगे. इस अत्याधुनिक केंद्र में खेतों की स्थिति समझने से लेकर कीटनाशक स्प्रे, सर्वे और फसल आंकलन तक सबकुछ अब ड्रोन की मदद से होगा. 

हर बैच में लिमिटेड सीटें

तकनीकी रूप से दक्ष युवा न सिर्फ ड्रोन पायलटिंग सीखेंगे, बल्कि डेटा विश्लेषण और एग्रीटेक सेक्टर में नए करियर विकल्प भी खुलेंगे. रोजगार और स्टार्टअप की नई राहें भी यहीं से तैयार होंगी. विश्वविद्यालय ने प्राइवेट कंपनियों के साथ एमओयू किया है. ताकि ट्रेनिंग इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर दी जा सके. 

हर बैच में सीमित सीटें होंगी और 6–7 दिन की इंटेंसिव ट्रेनिंग के बाद युवाओं को प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जो उन्हें सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में जॉब दिलाने में मदद करेगा. 

किसानों के लिए भी गेमचेंजर होगी तकनीक

इस प्रशिक्षण के साथ ही रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसर खुलेंगे. किसानों के लिए भी यह तकनीक गेमचेंजर मानी जा रही है. कम लागत, अधिक उत्पादकता और फसलों की आसान निगरानी के चलते खेती सुलभ होगी. डॉ. हनुमानलाल देशवाल के अनुसार, यह पहल खेती को वैज्ञानिक तरीके से मजबूत बनाएगी. देशवाल के अनुसार MOU हो चुका है और जनवरी तक यह सेंटर होने की उम्मीद है. 

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