Bisalpur Dam: लबालब हुआ बीसलपुर बांध, पहली बार जुलाई में खुलेंगे गेट; तीन नदियों से हो रही पानी की तेज़ आवक 

बांध के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल का कहना है कि जलस्तर के लगातार बढ़ने को देखते हुए बांध के गेट खोलने की पूरी तैयारी कर ली गई है. विभाग न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार है बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अलर्ट व्यवस्था भी सक्रिय कर दी गई है.

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खोले जाएंगे बीसलपुर बांध के गेट.

Bisalpur Dam Rajasthan: राजस्थान के प्रमुख जलस्रोतों में से एक बीसलपुर बांध पहली बार जुलाई महीने में ओवरफ्लो की कगार पर है. बीसलपुर बांध का जलस्तर सोमवार रात तक 315.23 मीटर तक पहुंच चुका है, जो इसकी कुल भराव क्षमता 315.50 मीटर के बेहद करीब है. बांध में त्रिवेणी, बनास और खारी नदी से लगातार तेज़ आवक हो रही है. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने मंगलवार सुबह गेट खोलने की संभावना जताई है. NDTV से बातचीत में एडिशनल चीफ इंजीनियर देवी सिंह बेनीवाल ने बताया कि ईसरदा बांध की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 315.50 मीटर के पहले ही गेट खोले जा सकते हैं.

21 सालों में पहली बार जुलाई में गेट खोले जाएंगे

मंगलवार को एडिशनल चीफ इंजीनियर बेनीवाल ने बीसलपुर बांध का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया और अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता सहित इंजीनियरों की टीम को दिशा-निर्देश दिए. जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफलाइन माने जाने वाले इस बांध से पिछले 21 सालों में पहली बार जुलाई में गेट खोले जाएंगे. स्काडा सिस्टम के माध्यम से बांध में हो रही पानी की आवक पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. साथ ही बनास नदी के किनारे बसे टोंक जिले के गांवों में अलर्ट भी जारी किया गया है, क्योंकि बीसलपुर बांध का पानी बनास नदी के जरिए चंबल नदी में पहुंचता है.

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अक्सर अगस्त में खुलते हैं बांध के गेट 

बांध प्रशासन ने बताया कि बीसलपुर बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है, लेकिन यह सभी घटनाएं अगस्त और सितंबर के महीनों में हुई हैं. साल 2004 से लेकर 2024 तक बांध के गेट अगस्त-सितंबर में ही खोले गए हैं. इन वर्षों में यह क्रमशः 16 अगस्त 2004, 19 अगस्त 2006, 13 अगस्त 2014, 9 अगस्त 2016, 19 अगस्त 2019, 26 अगस्त 2022 और 6 सितंबर 2024 को हुआ. ऐसे में 2025 में पहली बार जुलाई में गेट खुलना ऐतिहासिक होगा.

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2003 में हुआ था बांध का निर्माण 

बांध का निर्माण वर्ष 2003 में पूरा हुआ था और 2004 में पहली बार यह पूरी तरह से भरा था. तब से लेकर अब तक बीसलपुर बांध से टोंक जिले के किसानों के लिए 15 बार दाईं और बाईं नहरों में पानी छोड़ा गया है. इससे टोंक जिले की लगभग 80 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती रही है, जिसके चलते यह जिला राजस्थान में सरसों उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है. बांध से पेयजल के लिए भी तीनों जिलों की बड़ी आबादी निर्भर करती है.

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प्रशासन ने की गेट खोलने की पूरी तैयारी 

बांध के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल का कहना है कि जलस्तर के लगातार बढ़ने को देखते हुए बांध के गेट खोलने की पूरी तैयारी कर ली गई है. विभाग न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार है बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अलर्ट व्यवस्था भी सक्रिय कर दी गई है. बंसल ने कहा, ''हम पहली बार जुलाई में ओवरफ्लो होते देखने को लेकर उत्सुक भी हैं और तैयार भी.'' यदि अगले 24 घंटे में जलस्तर 315.50 मीटर तक पहुंचता है तो बीसलपुर बांध का इतिहास एक नया मोड़ लेगा.

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