Bisalpur Dam: जयपुर बना 'जलपुर' लेकिन सावन में भी प्यासा है 'बीसलपुर', अगस्त से बढ़ी उम्मीद; जमकर होगी बरसात तो...

Bisalpur Dam Water level: बीसलपुर बांध में बेड़च, बनास, खारी और डाई नदियों से पानी आता है, लेकिन इस बार इन सहायक नदियों से बांध में पानी की आवक नहीं होने से सावन माह में भी बांध प्यासा नजर आ रहा है.

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Bisalpur Dam: राजस्थान की राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक समेत कई शहरों की लाइफलाइन कहे जाने वाला टोंक जिले का बीसलपुर बांध सावन माह में भी प्यासा रह गया. इस बांध की भराव क्षमता 38.5 टीएमसी यानी 315.50 आरएल मीटर है. लेकिन इस समय हर दिन इसमें 2 सेंटीमीटर पानी कम होने लगा है. जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं. भले ही इस साल बांध पर 515 एमएम बारिश दर्ज की गई हो. लेकिन राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा के साथ ही अजमेर क्षेत्र से बांध में पानी की आवक नहीं हुई है. जिसके चलते त्रिवेणी और डाई नदी से भी अब तक पानी की आवक नहीं  हो पाई है. जो प्रशासन के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि वर्तमान में बांध में सिर्फ 310.15 आरएल मीटर पानी ही बचा है, जो इसकी भराव क्षमता का 29 फीसदी है.

बीसलपुर बांध से प्रतिदिन 1 हजार एमएलडी पानी की पेयजल सप्लाई  

बीसलपुर बांध से प्रतिदिन जयपुर, अजमेर एवं टोंक को पेयजल के लिए 1000 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है, जिसमें जयपुर को 650 एमएलडी, अजमेर को 300 एमएलडी और टोंक को 50 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. इससे प्रतिदिन जलस्तर में 2 सेमी की कमी आ रही है.

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बांध में पानी की आवक कम

 जमकर होगी बरसात तो इन जिलों में छटेगा संकट

टोंक में बनास नदी पर बने बीसलपुर बांध में पानी की आवक राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर से होती है, जो त्रिवेणी बनास नदी और डाई व खारी नदियों के सहारे बांध में आता है. लेकिन इस बार भीलवाड़ा के त्रिवेणी संगम पर बनास का गेज 0 दर्ज किया गया है. वहीं इन सभी जिलों में एनीकट, तालाब और बांध फिलहाल खाली हैं, जो बारिश के बाद भर जाएंगे और उसके बाद पानी टोंक बीसलपुर बांध में चला जाएगा.

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अब तक 6 बार ओवर फ्लो हो चुका है बीसलपुर बांध  

बीसलपुर बांध के निर्माण के बाद वर्ष 2004 में पहली बार इसकी पूर्ण भराव क्षमता का भंडारण किया गया तथा वर्ष 2004 में ही यह पहली बार भर गया. उसके बाद यह बांध 2006, 2014, 2016, 2019 और 2022 में ओवरफ्लो हो चुका है. 2019 में इस बांध के 18 गेट एक साथ खोलकर इस बांध से अधिकांश पानी की निकासी की गई थी. जिसमें करीब 135 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा गया, जो चार और बीसलपुर बांधों को भरने के लिए पर्याप्त है.
 

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