Rajasthan Politics: हनुमान बेनीवाल के भाषण में दिखी खींवसर उपचुनाव हार की पीड़ा, MLA रेवंतराम डांगा पर फिर कसा तंज

Nagaur Politics: हनुमान बेनीवान की पत्नी कनिका बेनीवाल 13 हजार वोटों से खींवसर उपचुनाव हार गई थीं. उस वक्त बेनीवाल ने कहा था कि बीजेपी मंत्री के मूंछ वाले बयान की वजह से उनकी पार्टी के उम्मीदवार की हार हुई है.

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हनुमान बेनीवाल.

Rajasthan News: राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) गुरुवार बुरड़ी गांव में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने लोगों के बीच खड़े होकर भाषण भी दिया, जिसमें खींवसर उपचुनाव में हार की पीड़ा साफ नजर आई. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो ने नागौर के बारे में देशभर में चल रही चर्चाओं के बारे में बताया और खींवसर चुनाव जीतने वाले रेवंतराम डांगा का नाम लिए बिना तंज कसा.

खींवसर की जनता ने अनपढ़ आदमी को विधानसभा भेजा: बेनीवाल

बेनीवाल ने कहा, 'खींवसर उपचुनाव का परिणाम जारी होने के बाद से पूरे देश में नागौर का सम्मान कम हो गया है. 1 लाख वोट होते हुए भी खींवसर की जनता ने एक अनपढ़ आदमी को चुनाव जीताकर विधानसभा भेजा है. ये बात पूरा देश कह रहा है. ये तो अच्छा रहा कि लोकसभा चुनाव में मुसलमानों ने पूरी पोलिंग कर ली. इस वजह से 40 प्रतिशत बीजेपी के साथ चले गए और बाकी बचे 60 प्रतिशत मेरी तरफ हो गए. जब मैं बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा तो 2 लाख वोटों से जीता. लेकिन कुल 22 लाख वोटों में से 13 लाख वोट बीजेपी के खिलाफ पड़े. अगर ऐसा नहीं होता है तो कम से कम 4 लाख वोटों से मेरी जीत होती.' 

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मेरा मुकाबला करने के लिए बीजेपी-कांग्रेस के पास खुद के नेता नहीं: बेनीवाल

बेनीवाल ने आगे कहा, 'मैं आप सब से पूछता हूं, जिसको आपने वोट दिया आज वो कहां हैं? किसी को नहीं पता. इस बात को याद रखना, जिसने आपको चलना सिखाया, लड़ना सिखाया और आपका मान सम्मान पूरे देश में बढ़ाया, उसे मजबूत रखो. बाकी नेता तो घुमक्कड़ हैं. उनका क्या भरोसा कि कब वे बीजेपी में चले जाएं और कब कांग्रेस ज्वाइन कर लें. कुछ तो आरएलपी में आने के लिए भी तैयार थे. लेकिन मैंने उन्हें आने नहीं दिया. अब हम अपने जिले को नई दिशा दिखाते हुए आगे बढ़ना है. मुझे खुशी है कि राजस्थान में मेरा मुकाबला करने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के पास खुद के नेता ही नहीं हैं. ये लोग राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के छटे हुए लोगों को अपना नेता बना रहे हैं. उनके पास और कोई बचा ही नहीं है.'

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13 हजार 901 वोटों से उपचुनाव हार गई थीं हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका

खींवसर उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रेवंतराम डांगा 13,901 वोटों से जीत गए थे. डांगा को कुल 1,08,628 वोट मिले थे. वहीं आरएलपी उम्मीदवार और हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को 94,727 वोट मिले थे. वे दूसरे स्थान पर रहीं. इस उपुचनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रतन चौधरी केवल 5,454 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं. उस वक्त हनुमान बेनीवाल ने एक्स पर कहा था कि लोकतंत्र में जनता का जनादेश सर्वोपरि है. चुनाव में हार-जीत दो पहलू है. 2008 से खींवसर विधानसभा की जनता का आशीर्वाद लगातार मुझे और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को मिलता रहा है. हम मजबूती से चुनाव लड़े और भाजपा सरकार तथा कांग्रेस पार्टी ने मिलकर यह चुनाव हमारे खिलाफ लड़ा. चूंकि जनादेश में हम जरूर पिछड़ गए मगर सरकारी तंत्र और मशीनरी का राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के खिलाफ जमकर दुरुपयोग होने के बावजूद इस उप चुनाव में आरएलपी ने 15 हजार वोट अधिक लिए, जनहित के मुद्दों को लिए आरएलपी सदैव संघर्ष करेगी!

बीजेपी मंत्री के मूंछ वाले बयान की वजह से खींवसर हारी आएलपी: बेनीवाल

NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा था कि बीजेपी मंत्री के मूंछ वाले बयान के कारण उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल की हार हुई है. उन्होंने कहा, 'मिर्धा परिवार जगह-जगह जाकर रोते फिरा. यहां तक की जिसने मेरी पीठ में छुरा घोंपा, बीजेपी ने उसी से ही अपना दूल्हा बना लिया.' छुरा घोंपने वाली बात से बेनीवाल का निशाना रेवंत राम डांगा पर था, जो उपचुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. बाद में उन्हें बीजेपी ने खींवसर से टिकट दिया और हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के सामने चुनावी मैदान में उतार दिया. बीजेपी का यह प्लान पूरी तरह कामयाब भी हुआ.

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