Rajasthan News: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान सरकार पर निशाना साधे जाने के बाद सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राज्य सरकारें महिला विरोधी अपराधों के मामलों में जिम्मेदारी और जवाबदेही स्वीकार नहीं करतीं, जबकि उसकी सरकारें न्याय दिलाने के लिए तत्परता से काम करती हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर, उज्जैन और महिला पहलवानों पर अत्याचार की घटनाओं को लेकर एक शब्द नहीं बोलते, लेकिन चुनाव प्रचार के समय विपक्ष की सरकारों के खिलाफ ‘झूठ' बोलते हैं.
'हर नेता खुद का सरकार मान बैठा'
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार सहित अन्य मुद्दों को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल में कांग्रेस की सरकार ने राजस्थान की साख को तबाह कर दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोगों को भ्रम में डालकर कांग्रेस ने यहां सरकार तो बना ली लेकिन सरकार चला नहीं पाई. पांच साल राजस्थान में कांग्रेस ने यही किया है. हर भ्रष्टाचारी, गुंडा, दंगाई, अत्याचारी और कांग्रेस का हर नेता खुद को राजस्थान की सरकार मान बैठा है.
'बेशर्मी से झूठ बोल रहे हैं पीएम'
रमेश ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री मणिपुर पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे. वह उज्जैन का जिक्र नहीं करेंगे. वह महिला पहलवानों पर अत्याचार करने वाले अपनी ही पार्टी के सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे. न ही हमारे राष्ट्रीय चैंपियन्स के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गई क्रूरता की निंदा करेंगे. लेकिन जब चुनाव प्रचार की बात आएगी, तब वह वही करेंगे जो सबसे अच्छा करते हैं. बेशर्मी से झूठ बोलना.'
'हमनें गंभीरता से कार्रवाई की'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने सोचा था कि कम से कम गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री देश को अपने झूठ और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने एवं बदनाम करने वाली राजनीति से बख्शेंगे.' रमेश ने दावा किया, ‘रिकॉर्ड के लिए कांग्रेस पार्टी कभी भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा को नजरअंदाज नहीं करेगी. राजस्थान सरकार ने सभी मामलों में अत्यंत तत्परता और गंभीरता के साथ न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई की है और आगे भी करेगी. भाजपा सरकारें इसके विपरीत काम करती हैं, कभी भी जिम्मेदारी या जवाबदेही स्वीकार नहीं करतीं. यही अंतर है.'