''राजस्थान में गुजरात मॉडल लाकर ब्यूरोक्रेसी के सहारे सरकार चला रही भाजपा'' डोटासरा का सरकार पर हमला

डोटासरा ने कहा सबको मालूम था कि नवंबर में प्रदेश में अधिकतर नगर निकायों के चुनाव होने हैं. जिसके लिए उन्हें वोटर लिस्ट और आरक्षण की व्यवस्था करना सहित अन्य काम करने थे. लेकिन सरकार हाथ पैर हाथ धरे बैठी रही, क्योंकि उनकी मंशा खराब थी.

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Govind Singh Dotasra: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा के धर्मांतरण बिल, मोहन भागवत के तीन बच्चों के बयान और नगर निकायों में प्रशासक लगाने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. डोटासरा ने धर्मांतरण कानून पर बोलते हुए कहा कि भाजपा पहले भी धर्मांतरण कानून लेकर आई थी और अब वापस से कानून लेकर आई है लेकिन यह कानून पास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए पहले से कानून बना हुआ है और संविधान में भी व्यवस्था है.

''हिंदू-मुस्लिम करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती है''

डोटासरा ने कहा भाजपा सरकार ऐसे कानून लाकर जनता का ध्यान जनहित के मुद्दों से भटकाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थी उस समय भी इस तरह का कानून लाया गया था, लेकिन उसका क्या हश्र हुआ सबको मालूम है.

''अब एक बार फिर उसे पुनर्जीवित किया जा रहा है. भाजपा हिंदू-मुस्लिम करके अपनी राजनीतिक रोटियां सके रही हैं. लेकिन भाजपा कब तक अपनी राजनीतिक रोटियां सेकेंगी''

''राजस्थान में गुजरात मॉडल लाने तैयारी''

डोटासरा ने कहा कि भाजपा प्रशासक लगाकर ब्यूरोक्रेसी से सरकार चलाना चाहती है. उन्होंने राजस्थान सरकार पर गुजरात मॉडल लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा जिस तरह से गुजरात में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे. वैसे ही राजस्थान में उसे मॉडल को लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा राजस्थान में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे हैं आज ना तो मुख्यमंत्री, मंत्री और ना ही विधायकों की चल रही है.

''सरकार की मंशा खराब''

डोटासरा ने नगर निकाय चुनाव से पहले प्रदेश में प्रशासक लगाने के सवाल पर कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है और करीब एक साल होने को आया तब से जनप्रतिनिधियों से उनके कामों की अपेक्षा की जा रही है. डोटासरा ने कहा सबको मालूम था कि नवंबर में प्रदेश में अधिकतर नगर निकायों के चुनाव होने हैं. जिसके लिए उन्हें वोटर लिस्ट और आरक्षण की व्यवस्था करना सहित अन्य काम करने थे. लेकिन सरकार हाथ पैर हाथ धरे बैठी रही, क्योंकि उनकी मंशा खराब थी.

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