Rajasthan News: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण करने वाले भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा (Gyandev Ahuja) ने विवाद के बाद यूटर्न ले लिया है. उन्होंने अपना वीडियो जारी करते हुए कहा है, 'मैंने किसी भी दलित का अपमान नहीं किया. मैं तो दलितों का पक्का समर्थक हूं. मैंने जितना दलितों का सहयोग किया है, शायद ही किसी और नेता ने इतना किया होगा. मेरा बयान सिर्फ कांग्रेस की मानसिकता को लेकर था. टीकाराम जूली प्रतिपक्ष के नेता हैं, लेकिन वह अपने आप को दलित नेता के रूप तक ही सीमित रखना चाहते हैं. जबकि मेरा यहां किसी भी दलित को लेकर कोई बयान नहीं था. इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को भी आना था.'
'मैं तो बर्थडे पर बधाई देने भी गया था'
पूर्व विधायक आहूजा ने आगे कहा, 'तीन महीने पहले गोहा गांव में मेव समाज के लोगों ने दलितों पर अत्याचार किया. उस वक्त कोई भी नेता उनके समर्थन में नहीं गया. लेकिन मैंने मेवात में 27 दलित लड़कियों को मुक्त कराया, जिनको मेव लड़के भगा ले गए थे. मेरा टीकाराम जूली से कोई व्यक्तिगत नहीं है. मैं उनका सम्मान करता हूं. मैं तो उनके जन्मदिन पर बधाई भी देने गया था. मेरा बयान सिर्फ कांग्रेस के नीति को लेकर था, क्योंकि उन्होंने भगवान राम के जन्म के अस्तित्व और रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाया था. इसलिए मैंने कहा था कि जब यह मानते ही नहीं हैं तो क्यों भगवान राम के मंदिर में जाते हैं.'
गंगाजल विवाद क्या है? समझिए
रामनवमी के दिन अलवर की एक आवासीय सोसायटी में बने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था. इसमें नेता प्रतिपक्ष जूली भी शामिल हुए थे. अगले दिन यानी सोमवार को ज्ञानदेव आहूजा ने कहा, 'प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत बड़ा हुआ, लेकिन उसमें थोड़ी विसंगति रह गई. उन लोगों को भी बुलाया गया, जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को चुनौती दी. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताते हुए न्यायालय में हलफनामा दाखिल करवाया था. मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया था. इसलिए पार्टी नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. यह भगवान श्रीराम का मंदिर है.' इसके बाद ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़ककर पवित्र करते हुए पूजन करने की बात कही.
आज हर जिले में पूतला फूंकने का प्लान
इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने आहूजा के इस कृत्य के लिए उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आहूजा के इस काम को दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना का नमूना बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़का. यह घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है. 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है. इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है. क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अपने वरिष्ठ नेता के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या इस घृणित कृत्य के लिए भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?' वहीं प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को जिला स्तर पर इसके विरोध में 'पुतला दहन' करने की घोषणा तक कर दी.
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